सुनील वर्मा ।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और उनके बेटे रोहित शेखर ने आज कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी से नाता जोड़ लिया। बुधवार को पिता-पुत्र ने दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की । दरअसल तिवारी को अपने बेटे के लिए कांग्रेस में टिकट मिलना मुश्किल लग रहा था वे रोहित को कुमाऊं रीजन से टिकट दिलाना चाहते थे । लेकिन मायूसी हाथ लगने पर गांधीवादी नेता ने कांग्रेस से अपना वर्षो पुराना नाता तोड़ लिया ।
91 वर्ष के एनडी तिवारी तीन बार अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2002 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वह 2002 से 2007 तक इस राज्य के भी सीएम रहे। साल 1986–1987 में, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यरत रहे। साल 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल पद पर थे। 2009 में एक सेक्स स्कैंडल में नाम आने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।
रोहित शेखर को नारायण दत्त तिवारी ने तीन साल पहले ही पुत्र स्वीकार किया था, जब छह साल की कानूनी लड़ाई के बाद उनका पितृत्व साबित हो गया था।
नारायण दत्त तिवारी को बीजेपी में शामिल किया जाना उत्तराखंड में ब्राह्मण वोटों को मजबूती देने की कोशिश माना जा रहा है, जहां अगले माह विधानसभा चुनाव हैं।

नारायण दत्त तिवारी का बीजेपी दफ्तर में स्वागत करते अमित शाह
नारायण दत्त तिवारी का बीजेपी दफ्तर में स्वागत करते अमित शाह

दिग्गज राजनेता के रूप में सम्मानित रहे नारायण दत्त तिवारी को ’90 के दशक की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद के संभावित प्रत्याशी के रूप में भी देखा गया था। लेकिन बाद में वर्ष 1994 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एक अन्य दिग्गज कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह के साथ मिलकर अपनी खुद की पार्टी कांग्रेस (तिवारी) का गठन किया था, लेकिन जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली, तो दोनों नेता कांग्रेस में लौट आए थे। 2014 चुनाव से पहले एनडी तिवारी की नजदीकी समाजवादी पार्टी के साथ भी बढ़ी थी।
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में बीजेपी पहले से ही विद्रोह से जूझ रही है, क्योंकि पार्टी ने लगभग 15 ऐसे नेताओं को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं, और उन नेताओं में कांग्रेस के वे पूर्व विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह कर उन्हें विश्वासमत हासिल करने के लिए मजबूर कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी 70 सीटों वाले राज्य उत्तराखंड में फिलहाल 64 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। हाल में, उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस को तब करारा झटका लगा जब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। राज्य के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा समेत 9 कांग्रेस एमएलए भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के कद्दावर और सबसे पुराने नेताओं बीजेपी में चले जाना पार्टी को कांग्रेस को भारी तो पड़ सकता है लेकिन इससे बीजेपी के भीतर असंतोष के सुर भी फूटने लगे है क्योंकि सालों से पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्त्ता इसे अपने हक़ पर दूसरे दलों से आये नेताओ का डाका मान रहे है ।