भारतीय नौसेना ने अपने सबसे आधुनिक और खतरनाक युद्धपोत मोरमुगाओ का शनिवार को अनावरण कर दिया। इसे नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में समुद्र में उतारा गया। इस पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तैनात होंगी। मोरमुगाओ को नेवी के प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाया गया है। इस कैटेगरी के वॉरशिप दुश्मन के राडार की पकड़ में आसानी से नहीं आते। इस पर तैनात ब्रह्मोस मिसाइल से 300 किलोमीटर दूर मौजूद टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है। हालांकि इसे नौसेना में दो साल बाद सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। इस श्रेणी के पहले पोत “विशाखापत्तनम” का पिछले साल अप्रैल में अनावरण किया गया था।

मोरमुगाओ की खासियत
मोरमुगाओ में इजराइल में बना मल्टी फंग्शन सर्विलान्स थ्रेट अलर्ट राडार लगा है, जो हवा में सैकड़ों किलोमीटर दूर मौजूद टारगेट का पता लगा लेगा। इससे मिसाइल का निशाना सटीक होगा। ये वॉरशिप दुनिया के सबसे एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं। इस पर 8 ब्रह्मोस मिसाइल तैनात होंगी, जो जमीन या समुद्र की सतह पर 300 किमी दूर मौजूद टारगेट को निशाना लगा लेंगी।  इस पर बराक-8 सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (एलआर-एसएएम) भी तैनात की जाएंगी, जो उड़ते एयरक्राफ्ट पर 70 किलोमीटर दूर से निशाना साध सकती हैं। बता दें कि एलआर-एसएएम टेक्नीक भारत और इजरायल ने मिलकर ईजाद की है।
यह वॉरशिप मिसाइल को चकमा देने में सक्षम है क्योंकि इसे स्टील्थ तकनीक से बनाया गया है। यह एटॉमिक, बायलॉजिकल और केमिकल वॉर के वक्त भी बचाव कर सकता है। मोरमुगाओ इंडियन नेवी के प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बना दूसरा वॉरशिप है। इस कैटेगरी का पहला शिप पिछले साल अप्रैल में लॉन्च किया गया था। ऐसे 4 मॉडर्न वॉरशिप बनाने के लिए 29,700 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। मोरमुगाओ का वजन 7300 टन है, लंबाई 163 मीटर है। इसमें चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं, जो इसे 30 नॉट (करीब 56 किलोमीटर प्रति घंट)  तक की रफ्तार देते हैं। इसमें 50 नेवी अफसर और 250 सेलर तैनात होंगे। इन शिप्स को मुंबई के मझगांव शिपयार्ड में बनाया जा रहा है।