2010 में हुए हरियाणा के मिर्चपुर कांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी 20 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को एससी-एसटी एक्ट के तहत सजा सुनाई है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मिर्चपुर में 19 से 21 अप्रैल, 2010 के बीच हुई घटनाएं एक बार फिर यह कड़वा एहसास दिलाती हैं कि भारतीय समाज में दो चीजें – समानता और भाईचारा-पूरी तरह नदारद हैं।” इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आईएस मेहता की बेंच ने की।

कोर्ट ने कहा कि आजादी के 71 साल बाद भी दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में कमी के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को इस घटना के बाद से विस्थापित दलित समुदाय के लोगों को फिर से बसाने का भी निर्देश दिया है।