पं. भानुप्रतापनारायण मिश्र।

7 मार्च को शाम 6 बज कर 35 मिनट पर देवताओं के सेनापति मंगल अपनी स्वराशि वृश्चिक को छोड़ कर परम मित्र देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेंगे और 2 मई तक रहेंगे। 57 दिन तक मंगल और शनि की युति कई तरह के संकट खड़े करेगी।

मंगल का यह परिवर्तन मेष, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि वालों को कई तरह के तनाव दे सकता है। इसके विपरीत कर्क, तुला और कुंभ राशि वालों को मंगल का यह परिवर्तन बहुत लाभ देगा।

मंगल को कुज, भौम, लोहितांग और अवेनय भी कहा जाता है। अग्नि तत्त्व होने से मंगल सभी प्राणियों को जीवनशक्ति प्रदान करता है। मंगल के गोचर में खराब फल देने पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन जरूर करने चाहिए। आइए जानते हैं मंगल के राशि परिवर्तन से किस राशि पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।
मेष: हारने का गम परेशान करेगा। फिजूल के कार्यों में धन का नाश। सेहत खराब। संपत्ति को लेकर विवाद।

वृष: दुर्घटना की आशंका। फिजूल के कार्यों में धन का नाश। उग्र वाणी से तनाव रहेगा कार्यालय और घर में।

मिथुन: स्त्रियों, साझेदारों से कलह-क्लेश। आंखों का इलाज कराना होगा।

कर्क: शत्रुओं का नाश होगा। वाद-विवाद में जीत। सभी प्रकार के प्रयासों में सफलता। धन मिलेगा।

सिंह: अनावश्यक चिंता। संतान की परेशनियों से तनाव। मित्रों व रिश्तेदारों से मनमुटाव। प्रेम संबंध खराब।

कन्या: नौकरी छूटने का भय। तबादले की आशंका। मित्रों-बधुंओं से उग्र व्यवहार के कारण परेशानी।

तुला: आपको लगातार सफलता मिलती रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा।

वृश्चिक: अनावश्यक भय रहेगा। फिजूल के कार्यों में धन हानि। बैंकिंग कार्यों में सावधानी बरतें।

धनु: मित्रों, परिवारजनों से दूरी। रक्त या अग्नि संबंधी बीमारी की आशंका। वाहन चोट से बचें।

मकर: अनावश्यक चिंता से सेहत खराब। मानसिक भ्रम। धन हानि की आशंका।

कुंभ: अचानक धन प्राप्त होगा। संतान की उपलब्धियों से मन प्रसन्न। संपत्ति आदि खरीद सकते हैं।

मीन: कार्ययोजना में बाधा आने की आशंका। मेहनत ज्यादा फल कम। सरकार से वाद-विवाद।