महोबा में वीरेश्वर सिंह ढाई साल से डी.एम. हैं। इनकी मानें तो महोबा में सबको पानी मिल रहा है। पानी के मुद्दे पर बात शुरू करते ही वह बरस पड़े।वीरेश्वर सिंह (महोबा के डी.एम.) से संध्या दिवे्दी की बातचीत

महोबा में पानी की स्थिति कैसी है?

जिले में 62 टैंकर पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हमें जैसे ही खबर मिलती है कि कहीं पानी की जरूरत है, फौरन टैंकर पहुंचाए जाते हैं।

जिले में कुछ गांव ऐसे हैं जहां लोग चूहड़ों से पानी पी रहे हैं। चूहड़ यानी गड्ढे खोद-खोदकर पानी निकाल रहे हैं।

जिले में कोई गांव ऐसा नहीं जहां पानी न पहुंच रहा हो। चूहड़-उहड़ बीते जमाने की बात हो गई है। अब कहीं चूहड़ नहीं हैं।

खन्ना कस्बे के करीब कई गांव हैं जहां मैंने खुद जाकर देखा, तस्वीरें भी हैं हमारे पास। लोग चंद्रावल नदी के किनारे गड्ढे खोद-खोदकर पानी ले रहे हैं। गांव से यह गड्ढे करीब डेढ़ किलोमीटर दूर खुदे हैं।

आप लोग पता नहीं कहां से तस्वीरें ले आते हैं। हमारे साथ चलिए या हमारे कर्मचारियों के साथ जाकर देखिए हर जगह पानी का इंतजाम किया जा रहा है।

पिछले साल भी इसी जगह मैं गई थी, वो तस्वीरें भी हैं। कम से कम दो साल से तो मैं जानती हूं कि ये लोग हर गर्मियों में ऐसे ही पानी का इंतजाम करते हैं।

मैंने कहा न जिले में हर किसी को पानी पहुंचाया जा रहा है। ये लोग जान बूझकर गड्ढ़े खोदकर पानी लाते हैं। अगर स्थिति इतनी ही खराब है तो प्रधान हमें सूचना दें, हम टैंकर पहुंचाएंगे।