देबदुलाल पहाड़ी

महिंद्रा समूह की व्यापारिक इकाई महिंद्रा पावरोल ने आज दिल्ली में अपनी पहली सीएनजी / एनजी पावर उत्पाद के लॉन्च के साथ गैस गेन्टसेट में प्रबेश की , इसकी कीमत 9.5 लाख रुपये + कर है।

कंपनी , जो पहले से ही डीजल-संचालित जेनेट्स बेच रही है, देश भर में 200 डीलरों के अपने चैनल के माध्यम से इस नई रेंज को बेचने की योजना बना रही है।

महिंद्रा पावरोल और स्पेअर्स बिजनेस के अध्यक्ष हेमंत सिक्का ने कहा “हम किराये के क्षेत्र के अलावा दूरसंचार, खुदरा, आवास सोसायटी को लक्षित कर रहे हैं , हमारे उत्पाद की संचालन लागत डीजल जेनेसेट की तुलना में 45 फीसदी कम है और पर्यावरण अनुकूल है ” ।

उन्होंने दावा किया की ‘ 6 सिलेंडर 125 केवीए गैस जेनसेट देश का पहला सीपीसीबी-II (सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्टेज 2 उत्सर्जन मानदंड) अनुमोदित उत्पाद है, कंपनी का चाकण प्लांट में उत्पादन किया जा रहा है और डीजल जेनेटसेट की तुलना में काफी कम शोर स्तर है ‘।

उन्होने यह भी कहा की ‘आज का यह लाॅन्च हरित भविष्य की ओर महिन्द्रा की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और साथ ही बताता है कि कंपनी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मेरा मानना है कि आने वाले समय में इन गैस जेनसेट्स की मांग बढ़ेगी, जो नागरिकों और कारोबारों दोनों के लिए फायदेमंद होंगे।’

इस अबसर पर बोलते हुए, भारी उद्योग राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा ” महिंद्रा का यह उत्पाद आपने आप मैं एक अद्भुत और बेहतरीन उत्पाद है , यह न सिर्फ उत्पाद के हिसाब से , आज की प्रदूषण के हिसाब से पूरे दुनिया में ख़ास कर दिल्ली में जिस तरह हम प्रदूषण से पीड़ित है , उस दिशा में भी एक बहत बड़ा कदम है ”
उन्होने यह भी कहा “यह शून्य कणिक पदार्थ और कम शोर का उत्सर्जन करता है, जो बहत ही अच्छा है । ” 

उद्योग के अनुमान के मुताबिक, अकेले नई दिल्ली में , खासकर भारत में जेनसेट  बाजार प्रति वर्ष करीब 1.17 लाख इकाइयों पर आंका जाता है। मूल्य के संदर्भ में, यह करीब 6,400 करोड़ रुपये का है।

सचिन निझावन, बिजनेस हेड, पॉवरोल ने कहा ” इस डीजल-संचालित जेनेट्स एक साल हरदिन 4 घंटा के हिसाब से इस्तेमाल में उपभोक्ता का पैसा वसूल हो जायेगा , यह इस्तेमाल में कोई परेशानी भी नहीं है कियूं की आजकाल घर घर में , सोसाइटी में पाइप के जरिये गैस मिलना आसान हो गया और इस जेनेट्स को गैस पाइपलाइन के साथ जोड़ के चलना बहुत ही आसान है . भारत में तेल से ज्यादा गैस है और पाइप्ड गैस नेटवर्क बढ़ते हि जा रहा है , सरकार भी हरित ऊर्जा के साथ साथ नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाबा दे रहा है । ”

निझावन ने कहा ” जैसे लोगों को मालूम है पिछले साल सर्दियों के दौरान डीजल जेनसेट पर बिशेष प्रतिबन्ध लगाया गया था , लगभग 50,000 से ज्यादा डीजल-चलित जेनसेट जो दिल्ली में चलता है यह जो वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है और गैस जेनसेट से इससे मुक्ति मिलेगी जो की आने बाला समय के लिए वातावरण के लिए बहुत ही अच्छा है। हमने इस दिशा में आईजीएल (इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड) जैसे विभिन्न गैस सप्लायर्स के साथ संपर्क किया है “।

महिंद्रा पावरोल ने 2001-02 में बिजली उत्पादन खंड में प्रवेश किया। इससे पिछले वित्तीय वर्ष में 1,400 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। कंपनी ने घरेलू बाजार में अब तक कुल 4 लाख जेनेट्स बेचे हैं। इसने लगभग 5000 इकाइयां निर्यात कीं।