भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और लोढ़ा समिति के बीच लग रहा है चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है। एक तरफ बीसीसीआई समिति की सभी सिफारिशों को यह कहकर मानने से इनकार कर रहा है कि इससे उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा वहीं समिति अपनी सिफारिशों को लागू करवाने के हर संभव तरीके आजमा रही है।इसी कड़ी में लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई का खाता रखने वाले बैंकों को निर्देश दिया है कि वे बोर्ड की ओर से 30 सितंबर को उसकी विशेष आम बैठक में लिए गए वित्तीय फैसलों के संबंध में किसी भी राशि का भुगतान नहीं करे। इससे पहले बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा था कि अगर लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशों को माना गया तो भारतीय क्रिकेट को भारी नुकसान होगा।

अपनी सिफारिशों का उल्लघंन किए जाने से लोढ़ा समिति काफी नाराज है। समिति ने बैंकों को लिखे पत्र में कहा, ‘समिति को पता चला है कि बीसीसीआई की 30 सितंबर 2016 को हुई आपात कार्यकारी बैठक में कुछ फैसले लिए गए हैं जिसमें विभिन्न सदस्य संघों को काफी बड़ी राशि का वितरण किया गया है।’ ये पत्र बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जोहरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को भी भेजा गया है।

समिति ने कहा, आप जानते हैं कि समिति के 31-08-2016 को दिए गए निर्देश के अनुसार दिनचर्या के मामलों के अलावा भविष्य से संबंधित कोई भी फैसले नहीं लिए जा सकते। इस तरह की राशि का भुगतान करना दिनचर्या का काम नहीं है और वैसे भी इसकी कोई आकस्मिक जरूरत नहीं थी। समिति ने आगे कहा, आप यह भी जानते हैं कि बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और साथ ही इस समिति द्वारा तय की गई पहली समयसीमा का उल्लघंन किया है जिसमें फंड के वितरण की नीति 30 सितंबर तक गठित किया जाना शामिल है।

पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार (छह अक्टूबर) को स्थिति रिपोर्ट की सुनवाई करेगी। इसलिए आपको 31 अगस्त के बाद बीसीसीआई द्वारा मंजूर या जारी किए गए किसी भी वित्तीय राशि के वितरण के लिए कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया जाता है। इस निर्देश में किसी भी तरह का उल्लघंन उचित आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा।

 तो चैंपियंस ट्राफी नहीं खेल पाएगा भारत

वहीं, बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि अगर बोर्ड न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करता है तो भारत को अगले साल इंग्लैंड में होने वाली चैम्पियंस ट्राफी से हटना पड़ेगा। लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार आईपीएल से पहले या बाद में 15 दिन का अंतर होना चाहिए। चैम्पियंस ट्राफी एक से 18 जून तक होनी है और आईपीएल के मई के अंतिम हफ्ते में समाप्त होने की उम्मीद है।

ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि भारत चैम्पियंस ट्राफी में खेलने योग्य होगा या नहीं। अगर आप लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के अनुसार चलोगे तो आपको या तो आईपीएल खेलना होगा या फिर चैम्पियंस ट्राफी। इसलिए बीसीसीआई को इस पर फैसला लेना होगा।” यह पूछने पर कि आईपीएल का कार्यक्रम अलग तरह से बनाया जा सकता है तो ठाकुर ने कहा, ‘‘यह समस्या हर साल होगी। आपके पास कुछ महीने भारत में खेलने के लिए होते हैं। आईपीएल के लिए एक विंडो उपलब्ध है। इसलिए आपको फैसला करना होगा क्योंकि दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली लीग, जिसने दुनिया को दिखा दिया है कि आप घरेलू क्रिकेट को इतना लोकप्रिय कैसे बना सकते हो और फुटबाल, हॉकी, बैडमिंटन, कबड्डी जैसी अन्य लीगों को जन्म देने के लिए प्रेरित करने वाली लीग, आगे चलना चाहिए या नहीं।”

राष्ट्रीय कैलेंडर और आईपीएल के बीच 15 दिन का अंतर सुनिश्चित करने के संदर्भ में ठाकुर ने कहा, ‘अगर आप ओवरॉल कैलेंडर को देखें तो आईपीएल इस तरह से संभव नहीं है। क्या आप सैकड़ों करोड़ के नुकसान के लिए तैयार हैं। अगर आप अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर के कारण आईपीएल को बंद कर देंगे तो भारतीय क्रिकेट को नुकसान होगा। आपको सब कुछ देखकर फैसला करना होगा। अगर आईपीएल और टेस्ट कैलेंडर दोनों को आगे बढ़ाना है तो आज की स्थिति में 15 दिन का अंतर संभव नहीं है।’