निशा शर्मा।

एक तरफ सर्जिकल स्ट्राइक पर संयुक्त राष्ट्र ने सवाल उठा रहा है तो दूसरी तरफ इस ऑप्रेशन को विशेषज्ञ सही और पुख्ता बता रहे हैं। आइये जानते हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक  पर विशेषज्ञ क्या राय रखते हैं-

बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के पूर्व डीजी डी.के आर्या मानते हैं कि आर्मी के द्वारा किया गया सर्जिकल स्ट्राइक सराहनीय है। यह ऑप्रेशन बहुत दिनों से रूका हुआ था। जिसे सही समय पर अंजाम दिया गया है। ऑप्रेशन से पहले हिन्दुस्तान को एक सॉफ्ट स्टेट के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन ऑप्रेशन ने जता दिया की उड़ी जैसे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिन्दुस्तान को दबाने की कोशिश की जा रही थी। इस ऑप्रेशन ने जता दिया कि बार्डर सीमा पार से होने वाली कार्रवाई का हम मुंह तोड़ जवाब देंगे। चुपचाप आंसू बहाने कि जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी से अच्छा हैं हम आंखों में खून भरके ईंट का जवाब पत्थर से दें।

पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज अस्थाना मानते हैं कि सर्जिकल ऑप्रेशन एक बेहतरीन कदम है पाकिस्तान को जवाब देने के लिए। सर्जिकल ऑप्रेशन एक ऐसा ऑप्रेशन होता है जिसका प्लॉन बहुत पहले नहीं किया जाता। घटना को कैसे अंजाम दिया जाएगा ऐसे निर्णय अधिकतर ऑन दा स्पॉट लिए जाते हैं।

देखिए 1947 के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर के एक हिस्से पर अपना अधिकार कर लिया। भारत ने LOC नहीं लांघी है, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल ऑप्रेशन को अंजाम दिया है। इस ऑप्रेशन के तहत आतंकियों के दलों पर हमला किया है। जिसमें इंजियन मुज्जाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के सदस्य थे। पिछले कईं सालों से भारत इन संगठनों की वजह से आहत होता रहा है। उरी का हमला हो, पठानकोट का हमला हो या मुंबई हमला। इस तरह के अटैक देश पर होंगे तो सर्जिकल ऑप्रेशन के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचता है। वैसे भी पाकिस्तान को भारत ने बहुत मौके दिए हैं, कई बार सबूत दिए जैसे कि कसाब का मामला ही देख लीजिए लेकिन पाकिस्तान हमेशा झूठलाता रहा। पाकिस्तान की ओर से आए आतंकियों पर पाकिस्तान या तो चुप्पी साध लेता है या कहता है कि यह उसकी सरजमीं से तालुल्क ही नहीं रखते। जबकि जिन हथियारों से यह आतंकी लेस होते हैं , एक देश से दूसरे देश में सीमा लांघते हैं तो क्या बिना आर्मी की मिली भगत के दूसरे देश की सीमा को लांघना संभव है क्या, मेरा मानना है ऐसा बिल्कुल नहीं है इससे साफ है कि आर्मी भी इन संगठनों से मिली हुई है। ऐसे में सर्जिकल ऑप्रेशन की जरूरत थी जो सही समय पर किया गया।

पाकिस्तान का कहना है कि उसके दो सैनिक इस ऑप्रेशन में मारे गए ऐसे में पाकिस्तान से पूछना चाहिए कि उसके सैनिक आतंकियों के दल में क्या कर रहे थे।

यह ऑप्रेशन  देश के आत्मसम्मान के लिए बहुत जरूरी था साथ ही उन देशों को यह बताना बहुत जरूरी था जो भारत को हल्के में लेते हैं। आम जनता सवाल पूछती है कि भारत में जो हमले हुए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। आर्मी की छवि पर सवाल उठने लगते हैं। इसलिए भी यह सर्जिकल ऑप्रेशन जरूरी था।

मोदी सरकार ने बहुत खूबसूरती से यह ऑप्रेशन किया है। बाहरी मामलों को बखूबी संभाला है। आर्मी को पूरी आजादी दी है कि वह उरी घटना का बदला ले सके।

पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत कहते हैं कि सर्जिकल ऑप्रेशन के लिए आर्मी और सरकार की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। बहुत सही तरीके से बिल्कुल सही समय पर इस ऑप्रेशन को अंजाम दिया गया। और ऐसे ऑप्रेशन बार बार होने भी चाहिए ताकि पाकिस्तान को उसके कामों का मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके।

लेकिन एक बात मैं जो कहना चाहता हूं वह यह है कि इस मसले को राजनीतिक तौर पर मिस मैनेज किया गया। मीडिया मामले को जिस तरह से प्रचारित कर रही है जैसे पाकिस्तान अब चुप्प क्यों है ऐसा नहीं होना चाहिए इसकी वजह से आम जनता की मुसिबतें बढ़ेंगी। अमेरिका ने भी ऐसा ही ऑप्रेशन पाकिस्तान में घुसकर चुपचाप किया और शांत तरीके से बता दिया कि अमेरिका से पंगा लेना पाकिस्तान के लिए किस कदर नुकसान दायक हो सकता है। भारत को भी इसी तरह से परिपक्व उदाहरण पेश करना चाहिए।

पाकिस्तान क्या कर सकता है?

बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के पूर्व डीजी डी.के आर्या का कहना है कि पाकिस्तान की परमाणु धमकियां गिदड़ भभकियां हैं, पाकिस्तान ऐसा कुछ नहीं कर सकता। ज्यादा हरकत की संभावना नहीं हैं। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान कोई गोले नहीं चलाएगा। वह कोई दूसरा तरीका ढूंढेंगा भारत को परेशान करने का, हालांकि पाकिस्तान हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है जैसे की बम धमाके करके।

पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज अस्थाना मानते हैं कि बड़ा हमला करने की पाकिस्तान की औकात नहीं है। कोई युद्ध नहीं छिड़ने वाला है अगर युद्ध होगा भी तो पाकिस्तान खत्म हो जाएगा ऐसा वह जानता है और भारत को सिर्फ नुकसान ही होगा हालांकि ऐसा कुछ नहीं होगा। ऐसे ऑप्रेशन होते रहते हैं। पाकिस्तान अपने नॉन स्टेज एक्टरस को जरूर भारत में नुकसान पहुंचा सकता है।

पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत कहते हैं कि पाकिस्तान की तरफ से एक्शन पर रिएक्शन परमाणु तो नहीं ही होगी लेकिन पाकिस्तान भारत को आंतरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगा नवरात्रों से हमारे देश में त्यौहारों का मेला शुरू हो जाएगा और यह उत्सव दिसंबर तक चलेगा उसके बाद 26 जनवरी। यह समय ऐसा है जिसकी आड़ में पाकिस्तान किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम देने की ताक में रहेगा। पाकिस्तान अपने स्लीपर सेल को जगाएगा और भारत में ब्लास्ट जैसी घटनाओं को अंजाम दे सकता है। भारत को इन सब में सतर्क रहना होगा।

हालांकि ऐसे समय में भारत के लिए सबसे अच्छी बात यही हुई है कि सभी राजनीतिक दलों ने ऐसी कार्रवाईयों में एकजुटता दिखाई हैं। भारत ही नहीं वर्ल्ड मीडिया में भारत की इस कार्रवाई की प्रशंसा हो रही है और भारत समेत वर्ल्ड मीडिया मान रहा है कि पाकिस्तान में सर्जिकल ऑप्रेशन करने के अलावा भारत के पास कोई चारा नहीं था।