चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए राजद प्रमुख लालू यादव के खिलाफ सजा का ऐलान गुरुवार को भी नहीं हो सका। सीबीआई की विशेष अदालत अब शुक्रवार को सजा सुनाएगी। इससे पहले बुधवार को भी उनकी सजा पर फैसला गुरुवार के लिए टाल दिया गया था। कोर्ट ने 23 दिसंबर को उन्हें घोटाले का दोषी पाया था और तीन जनवरी को सजा सुनाने की तारीख मुकर्रर की थी। इस केस में लालू समेत 16 लोगों को सजा सुनाई जानी है।

लालू के खिलाफ गुरुवार को जब सजा पर सुनवाई चल रही थी तब उन्होंने जज से अपील की कि अवमानना के मामले हटा लिए जाएं। इस पर कोर्ट ने कहा कि न्यायालय के फैसले पर कोई कैसे सवाल उठा सकता है। जज ने लालू को यह भी बताया कि उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद उनके समर्थकों ने जज को फोन तक किए। इससे पहले कोर्ट में सजा पर बहस शुरू होते ही जजों ने वकीलों और दोषियों को छोड़कर अन्य सभी को कोर्ट रूम से बाहर जाने के आदेश दे दिए।

कोर्ट ने दोषियों को खिलाफ सजा सुनाने के लिए 3 जनवरी का दिन तय किया ता लेकिन दो वकीलों के निधन के बाद अन्य वकील कार्रवाई 1.30 बजे के बाद तक चलाने के पक्ष में नहीं थे जिसके बाद कोर्ट ने सजा का ऐलान आज तक के लिए टाल दिया था। लालू फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं। यह मामला अविभाजित बिहार के देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है।

अभियुक्तों में लालू सहित चार राजनीतिक नेता, पशुपालन विभाग के पांच अधिकारी और आठ आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। अवैध निकासी पशु चारा, दवा व पशुपालन से जुड़े उपकरण की खरीद और विभिन्न पशुपालन केंद्रों में उसकी आपूर्ति और अन्य मदों में की गई थी। सीबीआई की जांच में ये सभी व्यय फर्जी पाए गए थे।

कितनी हो सकती है सजा

लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल कैद की सजा हो सकती है। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है। लालू को अगर तीन साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तुरंत जमानत मिल सकती है जबकि इससे अधिक सजा पर जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा।