नई दिल्‍ली।

दुनियाभर में आतंकी वारदात बढ़ने से कई मुस्लिम देशों के लिए समस्‍या पैदा हो रही है। कुवैत ने आतंकवाद को रोकने के मद्देनजर एक बड़ा फैसला किया है। उसने आतंकवाद रोकने के लिए पांच देशों ईरान, इराक, पाकिस्तान, आफगानिस्तान और सीरिया के नागरिकों के प्रवेश पर लगा दी है। अब यहां के लोगों को वीजा नहीं मिलेगा और न ही यहां के लोग कुवैत जा सकते हैं।

अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम देशों के लोगों के वीजा पर रोक तो लगाई ही थी, अब कुवैत ने भी पांच मुस्लिम देशों पर बैन लगा दिया है। इन मुस्लिम देशों की लिस्ट में सीरिया, इराक, ईरान, अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान का नाम भी शामिल है। सवाल यह है कि कुवैत ने आखिर रोक क्‍यों लगाई। इन देशों के टूरिज्म और बिजनेस वीजा पर भी रोक लगा दी गई है।

कुवैत सरकार इस फैसले के बारे में पिछले साल से ही विचार कर रही थी। उधर, ट्रंप ने ‘प्रोटेक्शन ऑफ द नेशन फ्रॉम फॉरेन टेररिस्ट एंट्री इनटू द यूनाइटेड स्टेट्स’ नाम के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं। इसके तहत, अब वीजा देते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इससे अमेरिकियों को कोई दिक्कत न हो।

यूएस रिफ्यूजी एडमिशन्स प्रोग्राम को 120 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। ये तभी शुरू किया जाएगा जब ट्रंप कैबिनेट के सदस्‍य उसकी अच्छी तरह जांच कर लेंगे। ऑर्डर के मुताबिक,  इराक,  ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोग भी 90 दिन तक अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, क्‍योंकि उन्हें वीजा नहीं मिलेगा।

बता दें कि 2015 में आतंकियों ने शिया मस्‍जिद पर बमबारी की थी जिसमें कुवैत के 27 नागरिक मारे गए थे। 2016 के एक सर्वे ने कुवैत को दुनिया के उन देशों की सूची में रखा है जो अपने कल्‍चरल कानून के कारण प्रवासियों के लिए सबसे खराब जगह है।

अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा मुस्‍लिम देशों पर प्रतिबंध लगाने से पहले कुवैत एकमात्र ऐसा देश है जिसने इनसे भी पहले सीरियाई नागरिकों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। 2011 में कुवैत ने सभी सीरियाई नागरिकों के वीजा को निरस्‍त कर दिया था।