नई दिल्‍ली।

नीदरलैंड्स स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) कुलभूषण जाधव (46) केस में जाधव की फांसी पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने कहा कि जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया जाए। इस मामले में 15 मई को सुनवाई हुई थी। भारत और पाकिस्तान ने दलीलें पेश की थीं। भारत ने कहा था कि पाकिस्‍तान ने जाधव तक डिप्लोमैटिक पहुंच न देकर वियना संधि का उल्‍लंघन किया है। पर पाकिस्‍तान ने इसे नेशनल सिक्युरिटी का मुद्दा बताते हुए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए थे।

पिछले महीने पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने इंडियन नेवी के पूर्व अफसर जाधव को जासूसी के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। इसी के खिलाफ भारत ने अपील की थी।18 साल बाद दोनों देश इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने हैं।

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के चीफ जस्टिस रोनी अब्राहम और बाकी 10 जज 3.24 पर (भारतीय वक्त के मुताबिक) पर कोर्ट रूम पहुंचे। भारत और पाकिस्तान की टीमें भी कोर्ट रूम में मौजूद थीं। इस दौरान भारत के चीफ लॉयर हरीश साल्वे मौजूद नहीं थे।

सबसे पहले जज ने आरोप पढ़कर सुनाया। बताया कि जाधव को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। भारत ने वियना कन्वेंशन के उल्‍लंघन का आरोप लगाया है। जज ने कहा- मैं पूरा केस पढ़कर नहीं सुनाऊंगा। सिर्फ इसकी समरी बताऊंगा।

जाधव को 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था। इसकी जानकारी 25 मार्च को दी गई। भारत ने काउंसलर एक्सेस मांगा और कई बार इसे दोहराया। 23 जनवरी 2017 को पाकिस्तान ने भारत को कुछ सबूत दिए। 4 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान के फॉरेन कोर्ट ने प्रेस रिलीज में बताया कि जाधव को वहां की मिलिट्री कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।

भारत ने विरोध किया। जाधव को पाकिस्तानी कानून के मुताबिक, 40 दिन में सजा के खिलाफ अपील करनी थी लेकिन ये हुआ या नहीं? इस कोर्ट को इसकी जानकारी नहीं है। अब्राहम के मुताबिक, जाधव की गिरफ्तारी को लेकर डिस्प्यूट हैं। इसे ध्यान में रखना होगा। भारत और पाकिस्तान दोनों वियना कन्वेंशन का हिस्सा हैं, जिसके मुताबिक, ये जरूरी है कि सभी सदस्य देश एक-दूसरे नागरिकों को हर हाल में काउंसलर एक्सेस मुहैया कराएं।

दरअसल, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाया है। पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। भारत के दावे पर पाकिस्तान ने जाधव को जासूस बताते हुए दावा किया कि वियना समझौता जासूसों पर लागू नहीं होता।

कोर्ट में टकराव का दूसरा बड़ा मुद्दा कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी को लेकर है। कुलभूषण जाधव मुंबई के रहने वाले हैं और नौसेना से रिटायर होकर ईरान में अपना व्यापार करते थे। तालिबान ने उन्हें ईरान से अगवा किया और फिर पाकिस्तान को सौंपा था, लेकिन पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था।

भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा वहीँ पाकिस्तान की तरफ से ब्रिटिश वकील खवर कुरैशी ने जिरह की थी। भारत का पक्ष है कि पाकिस्तान ने अवैध तरीके से गिरफ्तारी की और अन्यायपूर्ण तरीके से मुकदमा चलाया।