नई दिल्‍ली। अल्जीरिया ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, उसका सफाया किया जाना चाहिए।

अल्जीरिया ने यह बात उत्तर अफ्रीका के इस देश में दो दिवसीय दौरे पर आए भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से कही। अंसारी के साथ दौरे पर गए एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, द्विपक्षीय वार्ता में अल्जीरिया के प्रधानमंत्री अब्देलमालेक सेलाल ने उपराष्ट्रपति से कहा कि उनका देश जम्मू-कश्मीर पर भारत के रुख का पूरा समर्थन करता है।

दोनों ही पक्षों की ओर से पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया। नई दिल्ली की ओर से हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया जाता रहा है और पाकिस्तान पर सीमापार आतंकवाद प्रायोजित करने का आरोप लगाया जाता रहा है।

उपराष्ट्रपति ने बताया कि दो देशों के पांच दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने अल्जीरिया और हंगरी के शीर्ष नेतृत्व के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की।

अंसारी से पूछा गया कि दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता में क्या तीसरे देश द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा भी उठा था,  तो इस पर उन्होंने कहा, ‘वह तीसरा देश कौन है यह हर कोई जानता है। यह जाहिर है। किसी देश का नाम लेने की जरूरत नहीं है।’

उपराष्ट्रपति के मुताबिक हंगरी और अल्जीरिया के नेतृत्व के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा हुई और उनका मानना था कि पूरी दुनिया के लिए यह एक बीमारी की तरह है और यह चाहे जिस भी रूप में हो, इसका सफाया किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि अल्जीरिया भी आतंकवाद का सामना कर चुका है और लाखों लोगों की जान की कीमत और कई साल के प्रयासों के बाद जाकर इसका खात्मा हो सका है।

उन्होंने कहा, ‘अल्जीरिया में ऐसा एक भी परिवार नहीं होगा जिसका कोई न कोई सदस्य आतंकवाद का शिकार न हुआ हो।’  उपराष्ट्रपति का इन दोनों देशों का दौरा लंबे समय बाद हो पाया है। इससे पहले 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा हंगरी गए थे जबकि एक वरिष्ठ पदाधिकारी नेता 1985 में अल्जीरिया गए थे।

अंसारी ने बताया कि हंगरी के साथ दो समझौते हुए हैं जिनमें से एक जल प्रबंधन से जुड़ा हुआ है। अल्जीरिया में साझा खाद संयंत्र की स्थापना की संभावना पर महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक खाद व रसायन मंत्री मनसुख एल मंडाविया और अल्जीरिया के उद्योग व खनन मंत्री अब्देसलेम बाउचोउयरेब के बीच हुई।

अंसारी ने कहा, ‘खाद संयंत्र भोजन सुरक्षा को लेकर हमारे प्रयासों का हिस्सा है। फॉस्फेट,  खाद,  रक्षा,  सुरक्षा,  परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण उपयोग आदि क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।