भोपाल में रहने वाली एक दिव्यांग महिला ने खत लिखकर अपने लिए इच्छा मृत्यु मांगी है। जिस महिला ने यह खत लिखा है उसका नाम लक्ष्मी यादव है। वह भोपाल में रहती है। लक्ष्मी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी खत लिखा है।

लक्ष्मी यादव का कहना है कि एम फिल और एलएलएम करने के बाद भी वो ठोकरें खा रही हैं। राज्य सरकार की योजनाओं में दिव्यांगों के लिए आरक्षित तीन फीसद सीट रिजर्व होने के बाद भी उन्हें आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि वो जहां भी नौकरी के लिए जाती हैं वहां यह सोंचकर उन्हें मना कर दिया जाता है कि वो काम नहीं कर पाएंगी। वो कहती हैं कि उनकी क्षमता उनके शारीरिक विकृति के आधार पर आंकी जाती है न कि उनकी योग्यता पर।

लक्ष्मी बताती हैं उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की। लेकिन एमफील और एलएलएम करने के बाद भी मैं उन पर बोझ बनी हुई हूं। मेरी सहनशक्ति खत्म हो चुकी है, अब मैं कुछ नहीं कर सकती। इसलिए मैंने इच्छामृत्यु की मांग की है।

उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ाया ताकि मैं स्वतंत्र रूप से अपना जीवन-यापन कर सकूं। लेकिन ऐसी शिक्षा का कोई मतलब नहीं जिसके बाद मुझे ऐसे परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।