नई दिल्ली। रिलायंस जियो के ग्राहकों की समस्‍या अभी दूर नहीं हुई है। 75 फीसद कॉल फेल हो रही हैं। पांच सितंबर को वाणिज्यिक रूप से सेवाएं शुरू करने वाली रिलायंस जियो ने वर्तमान टेलीकॉम कंपनियों पर पर्याप्त संख्या में इंटर कनेक्शन पोर्ट न देने का आरोप लगाया है जिससे कॉल ड्रॉप की समस्या पैदा हो रही है। एयरटेल ने कहा है कि जियो से कॉल की सुनामी आ गई है। टेलीकाम ऑपरेटरों के खिलाफ वाकयुद्ध में पलटवार करते हुए रिलायंस जियो ने उसके मोबाइल नेटवर्क से ट्रैफिक की ‘सुनामी’ पैदा होने के आरोप खारिज किए हैं। रिलायंस जियो इंफोकाम ने एक बयान में कहा कि रिलायंस जियो का आउटगोइंग ट्रैफिक व्यस्त समय में भी प्रति ग्राहक प्रति घंटा दो कॉल से भी कम है जिसके लिए केवल पीओआई की सीमित संख्या की जरूरत होती है।

उधर, दूरसंचार नियामक ट्राई ने दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस जियो, बीएसएनएल व एमटीएनएल से कहा है कि वे अपने-अपने फोन कॉल आवाजाही का ब्योरा जमा कराएं ताकि उनके नेटवर्क पर कॉल आवाजाही के तौर तरीकों की पड़ताल की जा सके। इस पड़ताल से नियामक को रिलायंस समूह की कंपनी रिलांयस जियो द्वारा इंटरकनेक्शन के मुद्दे पर मौजूदा दूरसंचार कंपनियों पर लगाए जा रहे आरोपों का विश्लेषण करने में मदद मिलेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से अपने नेटवर्क पर कॉल आने-जाने का ब्योरा देने को कहा है। एयरटेल, वोडाफोन, जियो व निजी क्षेत्र की कंपनियों ने याद कराए जाने के बावजूद ब्योरा दाखिल नहीं करवाया है।’ ट्राई ने इन कंपनियों को आदेश जारी कर 16 सितंबर तक ब्योरा देने को कहा है। ट्राई ने पांच अगस्त को आईयूसी नियमों को लेकर परामर्श पत्र जारी किया था। यह कदम सीओएआई द्वारा बीएसएनएल के खिलाफ एक शिकायत के बाद उठाया गया था। रिलायंस जियो ने एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया जैसी सेल्यूलर कंपनियों के खिलाफ इंटरकनेक्शन उपलब्ध न कराने की शिकायत की है।