हिमाचल के खचाखच भरे रिज मैदान में जय श्री राम के नारों के बीच 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर जयराम ठाकुर ने 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। मुख्यमंत्री के साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। शपथ समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे।

खचाखच भरे रिज मैदान में मुख्यमंत्री के अलावा महेंद्र सिंह ठाकुर, किशन कपूर, सुरेश भारद्वाज, अनिल शर्मा, सरवीन चौधरी, रामलाल मार्कंड, विपिन सिंह परमार, वीरेंद्र कंवर, विक्रम सिंह, गोविंद सिंह देव और राजीव सहजल ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। सरवीन चौधरी हिमाचल प्रदेश की एकमात्र महिला मंत्री हैं। सुरेश भारद्वाज और गोविंद सिंह देव ने संस्कृत में शपथग्रहण की।

हिमाचल में युवा मुख्यमंत्री के साथ नए युग का शंखनाद हो गया। जय राम ठाकुर की छवि लोगों के बीच एक मृदुभाषी और काम करने वाले नेता की है। वहां के लोगों का कहना है कि जयराम लोगों की समस्या को जानते ही नहीं हैं बल्कि आम जनता की तकलीफ़ों को समझने की भी पूरी कोशिश करते हैं। लोगों का उनसे खासा जुड़ाव है। यही इकलौता कारण है कि वह मंडी की सैराज सीट से पांच बार जीत हासिल कर चुके हैं। ठाकुर पहली बार 1998 में पहली बार चुनाव जीते थे जिसके बाद से उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा।

ओपिनियन पोस्ट ने जब वहां के लोगों से बात कि तो पाया कि लोग उनके संघर्ष को खुद के संघर्ष से जोड़ कर देखते हैं और मानते हैं कि वह उनकी समस्याओं को अच्छे से समझेंगे। कुछ लोगों का कहना है कि शांता कुमार की तरह जयराम ठाकुर भी हिमाचल के हितैशी बनकर उभरने का मादा रखते हैं। राज्य की जनता दोनों में बहुत-सी समानताओं को देखती है। लोगों का कहना है कि जयराम ठाकुर भी एक गरीब परिवार से मेहनत के बल पर मुख्यमंत्री की गद्दी पर पहुंचे हैं, वहीं लोगों में उनकी भी उतनी ही लोकप्रियता है जितनी शांता कुमार की रही है।कहा जाता है कि जयराम ठाकुर  राज्य के हित में निर्णय लेने में पीछे नहीं हटते ।