नई दिल्ली।

इजरायल की तकनीक से भारतीय सीमाएं महफूज हो सकेंगी जोकि भारत का अहम डिफेंस साझेदार है और उसकी सुरक्षा तकनीक लाजवाब है। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय इजरायल यात्रा सामरिक सहयोग व आतंकवाद से लड़ाई व रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर अहम है। पीएम के इस दौरे से सहयोग को नया आयाम मिलेगा। सुरक्षाबलों के लिए आधुनिक हथियार और सामरिक क्षेत्र में बड़ी डील होने की योजना है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्राइल के तीन दिवसीय दौरे के लिए मंगलवार को रवाना हो गए। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला इजरायल दौरा है। इस दौरान पीएम मोदी अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियों और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

मोदी के इस दौरे में इजरायल के साथ बॉर्डर की सुरक्षा के लिए मॉर्डन फेंसिंग सिस्टम पर डील होगी। पाकिस्तान की सीमा से लगातार आतंकियों की घुसपैठ को रोकने के लिए भारत इस तकनीक को खरीदने जा रहा है। ये बॉर्डर पर अभेद्द दीवार का काम करेगा। मॉर्डन फेंसिंग सिस्टम में लेजर वॉल,  कैमरे की निगरानी में बॉर्डर के इलाकों को रखने समेत कई अहम बदलाव होंगे। पाकिस्तान से लगातार हो रही आतंकी घुसपैठ को रोकने में इससे मदद मिलेगी।

मोदी के इस इजरायल दौरे में स्पेशल आर्म्ड फोर्सेज के लिए छोटे हथियारों पर भी डील हो सकता है। इसे आतंकियों,  नक्सलियों के खिलाफ कमांडो ऑपरेशन और सुरक्षा गश्त में मदद मिलेगी। अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हथियारों के निर्माण में इजरायल की विशेषज्ञता भारत के काम आएगी।

मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में इजरायल-भारत के बीच सहयोग पर भी नजर है। हाल ही में भारत ने जमीन से हवा में मार करने वाली मीडियम रेंज मिसाइलों पर इजरायल के साथ 17,000 के डील को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही मानवरहित ड्रोन छोड़ने वाले वाहन के अपग्रेडेशन पर भी डील होगी। साथ ही एयरफोर्स के लिए एयरक्राफ्ट अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को भी मंजूरी मिल सकती है।

इजरायल के सैन्य बलों के साथ भारतीय सैन्यबलों के साझा अभ्यास पर भी नजर है। इस साल के आखिर में भारतीय वायुसेना की इजरायल की एयरफोर्स के साथ अभ्यास हो सकती है।