खबर आ रही है कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाला सार्क सम्मेलन रद्द हो गया है। भारत समेत तीन देशों के सम्मेलन में हिस्सा ना लेने के बाद से यह माना जा रहा था कि सम्मेलन रद्द हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार वैद प्रताप वैदिक ने ओपिनियन पोस्ट से बातचीत में बताया कि सार्क सम्मेलन रद्द होना ही था। जिस सम्मेलन में आठ देशों की भागीदारी हो और उसमें चार देश ना जाएं तो सम्मेलन अपने आप स्थगित ही माना जाएगा। साथ ही पाकिस्तान ने सम्मेलन के स्थगित होने के अलावा कोई रास्ता छोड़ा ही नहीं था।

पठानकोट और उड़ी हमलों के सामने आने के बाद पाकिस्तान का चेहरे का नकाब उतर चुका है सबको पाकिस्तान की हकीकत पता लग चुका है। ऐसे में सिर्फ एक तरीका बचता था सम्मेलन को होने के लिए और वह है कि पाकिस्तान भारत समेत सभी देशों को विश्वास दिलाए कि वह आतंकवाद के खिलाफ़ कड़ा कदम उठाएगा और भारत में हमलों के दोषियों को कड़ी सजा देगा या उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।

ओपिनियन पोस्ट के सवाल क्या पाकिस्तान पर सार्क सम्मेलन रद्द होने से कोई दबाव बनेगा इसके जवाब में वैद प्रताप वैदिक कहते हैं कि बिल्कुल, इसका असर जरूर होगा। सम्मेलन के रद्द होने का पूरा ठिकरा पाकिस्तान के सिर पर फूटेगा। हालांकि इस सम्मेलन से राजनीतिक और अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ता है लेकिन सम्मेलन रद्द होने से यह संदेश जरूर जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ सभी देश एकजुट हो रहे हैं।

बता दें कि फैसले का औपचारिक ऐलान आज देश शाम तक होने की संभावना है। सार्क सम्मेलन के अध्यक्ष नेपास के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड अभी के राजधानी काठमांडू से बाहर होने के कारण फैसले पर अभी हस्ताक्षर नहीं हो सके हैं। नेपाल के पीएम आज शाम को राजधानी लौटेंगे जिसके बाद फैसले पर हस्ताक्षर कर औपचारिक ऐलान किया जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सार्क सम्मेलन के लिए अभी किसी दूसरे देश का चयन नहीं किया है। नेपाल के आधिकारिक सूत्रों ने अनौपचारिक रूप से कहा कि सार्क सम्मेलन और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। सार्क सम्मेलन का पहला एजेंडा था हम सब मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ें लेकिन पाकिस्तान के रुख को देखते हुए हम चाहते हैं पाकिस्तान अपनी स्तिथि स्पष्ट करे।

भारत ने उरी हमले के बाद पाकिस्तान में होने वाले नवंबर सार्क समेमलन का विरोध किया था। इस्लामाबाद में 9 और 10 नवंबर को होने वाले सार्क सम्मेलन में पीएम मोदी नहीं जाएंगे।

भारत के विरोध के बाद अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश ने भी सार्क सम्मेलन का बहिस्कार किया था। भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था कि एक देश ने ऐसा माहौल बना दिया है जिससे सार्क सम्मेलन सफल नहीं हो सकता है।