तकरीबन दो साल पहले आतंकवादी संगठन ISIS से डरकर इराक की सेना ने मोसुल में अपने हथियार डाल दिए थे। अब आईएसआईएस की स्वघोषित राजधानी मोसुल को उसके चंगुल से छुड़वाने के लिए 94 हजार से ज्यादा सैनिकों को तैनात किया गया है। लेकिन बदले में आईएसआईएस भी लगातार हमले कर रहा है। बता दें कि सोमवार को इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने मोसुल में लड़ाई की आधिकारिक घोषणा की थी।

बताया जाता है कि लड़ाई में लगे 94 हजार सैनिकों को 90 इराकी हवाई जहाजों का सपोर्ट मिल रहा है अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक लड़ाई शुरू होने के बाद पहले 24 घंटों में भारी फायरिंग और आत्मघाती हमलों की गूंज सुनाई दी। मोसुल के आसपास आईएसआईएस ने जगह-जगह सुसाइड कार बॉम्बर्स तैनात कर दिए हैं। जैसे-जैसे इराकी सेना मोसुल की तरफ बढ़ रही है, आईएस की तरफ से हो रहे ये हमले भी बढ़ रहे हैं।

बता दें कि आईएस ने जून 2014 में मोसुल पर कब्जा किया था। तेल-संपदा से भरे इस शहर की आबादी उस वक्त 20 लाख से ज्यादा थी। लेकिन अब यह घटकर लगभग आधी यानी 10 लाख के आसपास रह गई है। आईएसआईएस ने बीते दो साल में इराक और सीरिया के कई शहर जैसे रमादी, तिकरित और फालूजा पर कब्जा किया लेकिन इराकी सेना ने इन शहरों को आतंकवादी संगठन से मुक्त करवाया।

अमेरिकी सेना का अनुमान है कि मोसुल में करीब 5000 आईएस आतंकी हैं, लेकिन आईएस के समर्थकों का कहना है कि वहां 7000 आतंकवादी हैं। इनसे लड़ने के लिए तैनात सैनिकों में से 54 हजार इराकी सेक्योरिटी फोर्स के, 4 हजार कुर्दिश पेशमर्गा लड़ाके, 9 हजार सुन्नी लड़ाके और 5000 अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लड़ाके शामिल हैं।