बालेश्वर (ओडिशा।

प्रतिरक्षा के क्षेत्र में भारत आक्रामक प्रगति कर रहा है। इसी क्रम में स्वदेश निर्मित सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का बुधवार को सफल परीक्षण किया गया। इसमें कम उंचाई पर आ रही किसी भी बैलिस्टिक शत्रु मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता है। इस मिसाइल का एक महीने से कम समय में यह दूसरी बार परीक्षण किया गया है और यह बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है।

एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के कई मानकों को मान्यता देने के संबंध में परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि मिसाइल का कम ऊंचाई पर परीक्षण किया गया।

इंटरसेप्टर ने यहां चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज के प्रक्षेपण परिसर 3 से पृथ्वी मिसाइल से प्रक्षेपित किए गए एक लक्ष्य को भेद दिया। लक्षित मिसाइल का चांदीपुर से करीब दस बजकर दस मिनट पर प्रक्षेपण किया गया।

बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप में तैनात उन्नत वायु रक्षा (एएडी) इंटरसेप्टर मिसाइल को करीब चार मिनट बाद ट्रैकिंग रडारों से संकेत मिले और यह शत्रु मिसाइल को हवा में ही नष्ट करने के लिए अपने पथ पर बढ़ गई।

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक वैज्ञानिक ने कहा, यह मिशन सर्वोत्तम था और सटीकता से लक्ष्य को भेदा गया।

क्‍या है सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल

इंटरसेप्टर 7.5 मीटर लंबा मजबूत रॉकेट है जो नौवहन प्रणाली, हाईटेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मैनिकल एक्टिवेटर की मदद से गाइडेड मिसाइल से संचालित होता है। एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली से शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान की जाती है। इसके बाद रडार से मिले आंकड़ों की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क पर आ रही बैलिस्टिक मिसाइल के रास्‍ते का रास्‍ता पता लगाया जाता है। कंप्यूटर सिस्टम से जरूरी निर्देश मिलते ही इंटरसेप्‍टर को टार्गेट भेदने के लिए छोड़ दिया जाता है।

पहले भी हो चुका है टेस्‍ट

पिछले वर्ष भी पूरी तरह से मल्‍टीलेवल बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम हासिल करने के प्रयास के तहत भारत ने स्वदेशी सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। उस वक्‍त इसी तरह के परीक्षण में इंटरसेप्टर के लिए पृथ्वी मिसाइल के नेवल एडिशन को टार्गेट के तौर पर स्थापित किया गया था। इस लक्ष्य को बंगाल की खाड़ी में खड़े पोत से छोड़ा गया था। इंटरसेप्टर एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल ने लक्ष्य वाली मिसाइल को काफी उंचाई पर ही नष्ट कर दिया था।