नई दिल्‍ली। रिलांयस जियो ने एक बड़ा फैसला किया है। उसके 4जी डाटा वेलकम ऑफर से जहां बहुत लोग खुश हैं, वहीं कॉल ड्रॉप की समस्‍या से भी जूझ रहे हैं। खराब नेटवर्क की शिकायतें कंपनी को लगातार मिल रही हैं और इसी को देखते हुए कंपनी ने अपना नया प्‍लान पेश किया है। कंपनी ने फैसला किया है कि अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए अगले छह महीने में देश भर में 45 हजार मोबाइल टॉवर लगाएगी।

टेलीकॉम मंत्री मनोज सिंहा के साथ हुई बैठक में रिलायंस जियो ने कहा कि वे छह महीने में 45 हजार मोबाइल टॉवर लगाएंगे और अगले चार साल में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।

कंपनी ने बताया कि पहले ही 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर देश भर में 2.82 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। इसके जरिये कंपनी 18 हजार से ज्यादा शहरों और 2 लाख गांवों को कवर करेगी।

यही नहीं जियो ने इंटरकनेक्टिविटी के मामले में एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया से सहयोग न मिलने के कारण कॉल ड्राप की दर ज्‍यादा होने का आरोप लगाया है।

इंटरकनेक्टिविटी पर वोडाफोन, एयरटेल और आइडिया की ओर से रिलायंस जियो को सहयोग न किए जाने की शिकायत पर पिछले दिनों ट्राई ने इन कंपनियों पर 3,500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। इस मामले को सुलझाने के लिए मंगलवार को ट्राई की ओर से बुलाई गई बैठक में भी एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने हिस्सा लिया।

तीनों कंपनियों ने इस मसले पर अपनी राय रखी और जुर्माने की सिफारिश का विरोध किया। इस पर ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कंपनियों से इस मामले को आपस में निपटाने की सलाह दी।

उधर, रिलायंस जियो की सस्ती 4जी सर्विस को लेकर एयरटेल खुश नहीं है। एयरटेल इंडिया के सीईओ गोपाल विट्टल ने सवाल उठाया कि कब तक रिलायंस इस तरह जियो मुफ्त सर्विस देता रहेगा। उन्होंने कहा कि हम रिलायंस जियो इन्फोकॉम के टैरिफ का इंतजार करना पसंद करेंगे। इसके बाद हम मार्केट की प्रतिस्पर्धा के अनुसार फैसले लेंगे। उन्होंने कहा कि जियो की एंट्री से छोटे खिलाड़ियों पर ज्यादा असर होगा, लेकिन इसके बाद इंडस्ट्री मजबूती और स्थिरता की ओर बढ़ेगी।