नई दिल्ली।

आमतौर पर सीमित आय वालों के लिए आयकर रिटर्न भरना एक झंझट का काम होता है और वे इससे कतराते हैं, लेकिन अब इस कार्य को आसान बनाया जा रहा है। अगर आपकी आय पांच लाख रुपये तक सालाना है तो आपके लिए आयकर रिटर्न भरना आसान हो जाएगा। सरकार इस श्रेणी के करदाताओं के लिए एक पेज का सरल आईटीआर फॉर्म ला रही है।

सरकार का मानना है कि एक पेज का सरल आईटीआर फॉर्म आने से ज्‍यादा लोग कर के दायरे में आएंगे और उनके लिए रिटर्न फाइल करना आसान हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में आयकर की दरों में बदलाव करने की घोषणा की थी। उसके अनुसार 2.50 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

सीए प्रीति खुराना ने कहा है कि नया आईटीआर फॉर्म सैलरी और इंटरेस्‍ट से इनकम करने वालों के लिए होगा। यह बिजनेस इनकम श्रेणी के लोगों के लिए नहीं होगा। उधर, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि पांच लाख रुपये तक की आय वालों की तब तक स्‍क्रूटनी नहीं होगी, जब तक कि आयकर विभाग को उनके बड़े धन हस्‍तांतरण की सटीक जानकारी नहीं होगी।

चालू वित्‍त वर्ष में 5 लाख तक की आय पर कर की दर को 5 फीसदी कर दिया गया है। लेकिन यह जानना आपके लिए लाभदायक है कि कैसे आप 7.5 लाख तक की आय पर कर की देनदारी को शून्य कर सकते हैं। सीए और इनकम टैक्स एक्सपर्ट अतुल कुमार गर्ग की मानें तो सरकार ने आयकर के बेसिक स्लैब में टैक्स दर को कम करके मिडिल क्लास को राहत दी है।

जिनकी आय 2.50 लाख से 3 लाख रुपये तक है उन पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। अब इस 50 हजार रुपये पर 2.5 हजार रुपये टैक्स बनेगा। आयकर अधिनियम के अनुसार, 3.5 लाख तक की आय पर 2.5 हजार रुपये की टैक्स छूट मिलेगी। इस हिसाब से 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यानी आप टैक्स देने से बचेंगे।

अगर आपकी आय 3.5 लाख से 7.5 लाख तक है,  तो भी आपकी कर देनदारी शून्य हो सकती है। यदि आप चार लाख रुपये सालाना कमाते हैं,  तो आप दो लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट दिखाकर के कर में 100 फीसदी छूट ले सकते हैं। आप अपनी सालाना आय के हिसाब से 7.5 लाख रुपये की आय पर टैक्स की देनदारी को 100  फीसदी शून्य कर सकते हैं।

ये है कर अदायगी से बचने का गणित

इनकम    कर में छूट
2.5 लाख रुपये 0%
50 हजार अतिरिक्त 2,500 रुपये
80 सी के तहत छूट 1,50,000 रुपये
होम लोन इंटरेस्ट 2,50,000 रुपये
सालाना इनकम 7,50,000 रुपये
टैक्स लायबिलिटी 0 रुपये