अजय विद्युत।

आइए बारिशों का मौसम है। सूरज चाचा ने जितना तपाना था तपा लिया। अब ठंडी बूंदों का जादुई असर है जो या तो आपको बचपन में ले जाता है या जवानी में। बूढ़ा तो किसी को होने ही नहीं देता। जैसे नए सिरे से जीवन की शुरुआत। खुशी को हम गाकर या नाचकर ही व्यक्त करते हैं। सो बारिश में भी एक से एक गीत हैं जो प्रकृति के और प्रणय के सूत्रों से जीवन को गूंथते हैं। आज संगीत का एक बड़ा स्रोत एफएम रेडियो है। युवाओं में पढ़े लिखे, आधुनिक और पश्चिमी फैशन से प्रभावित लोग भी बारिश के मौसम में पुराने गाने ही ज्यादा सुनते हैं। वजह क्या है। नए बन नहीं रहे या भा नहीं रहे। बारिश हो तो इस बर्गर-पिज्जा युग में भी पकोड़ा ही क्यों याद आता है? ये तमाम बातें भी करेंगे हम। प्रकृति के साथ संपूर्ण मानवता के इस उत्सव में हमारे साथ हैं एफएम की दुनिया में नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते रेडियो जॉकी खुराफाती नितिन।

बारिश को लेकर पुराने गानों की ही धूम रहती है एफएम पर?
देखिए बारिश का बहुत ही स्पेसिफिक गाना हो जाता है। इसलिए बॉलीवुड में हर किसी के लिए उसे अपनी फिल्म में डाल लेना बहुत मुश्किल होता है। हो सकता है कि कहानी के प्लॉट की डिमांड न हो बारिश की तो बारिश का कोई सीन आया ही नहीं। इसलिए बारिश वाले गाने कम ही बनते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में पता नहीं ट्रेंड आ गया या क्या हुआ, बॉलीवुड में इतने गाने आए हैं बारिश के कि अब हमें पुराने गानों की उतनी जरूरत नहीं रही।

ऐसा क्या चमत्कार हो गया पिछले एक साल में?
पहले जो हम सबसे नया गाना बजाते थे वह ‘गुरु’ फिल्म का था श्रेया घोषाल की आवाज में। बॉलीवुड में एक दौर था जब मेलोडियस गानों की शायद थोड़ी कमी होती थी। बारिश के गाने कोई बना नहीं रहा था। पर अब आप देखें तो ‘मुझको बरसात बना लो’ जुनूनियत का एक गाना है अरमान मलिक की आवाज में। फिर ‘सावन आया है’ अरिजीत की आवाज में आया है क्रीचर फिल्म का गाना। फिर अभी लेटेस्ट जो आया है वह है ‘छम छम’ जिसे मीट ब्रदर्स ने गाया है बागी फिल्म के लिए जिसमें टाइगर श्राफ और श्रद्धा कपूर हैं। ‘छम छम’ बहुत ही हिट रहा है और ‘मुझको बरसात बना लो’ अभी भी एक या दो नंबर पर चलता रहता है चाटर््स पर। तो अब बारिश के बहुत सारे नए गाने हैं। इसीलिए अब हमें एफएम पर अपने शो के दौरान नए गानों की बहुत डिमांड आती है।

तो आप मानते हैं कि पुराने गीत-संगीत का दौर विदा होने को है?
इसमें दो राय नहीं है कि बॉलीवुड में हमेशा से बहुत अच्छे गाने बनते आए हैं और बहुत मेलोडियस नंबर्स हैं। ऐसे कई गाने हैं। अब कुमार शानू साहब की तो आवाज ही इतनी मदहोश करने वाली है कि उनकी आवाज में आप कोई भी गाना सुन लीजिए वह आपके जेहन में रहेगा। हां मैं यह समझ रहा हूं कि एक दौर तक बेहतर गाने गायब रहे पर अब वह दौर बदल रहा है। मैंने आपको जो नए बारिश के गाने बताए वो तुरंत बिना सोचे बता दिए वरना और भी बहुत से गाने हैं जिन्हें लोगों ने और यूथ ने पसंद किया है।

आज शो करना हो तो टॉप थ्री गाने कौन से होंगे आपके शो में?
अगर आप मुझसे पूछें कि आज मुझे शो करना है बारिश पर और मुझे कौन से तीन गाने चलाने होंगे, तो मैं मुझको बरसात बना लो, सावन आया है और छम छम ये तीन गाने ही लगाऊंगा। तो अब दौर बदल रहा है। क्योंकि ये वो गाने हैं जो मार्केट में काफी समय तक रहेंगे। इनकी मेलोडी बहुत तगड़ी है। फिर बॉलीवुड को ये सिंगर अरिजीत मिला है वह बहुत लंबे समय तक चलेगा। उसके कई गाने ऐसे हैं जिनमें जबरदस्त स्टिकीनेस है। वो आपको अपने साथ कर लेते हैं। एकदम चस्पा हो जाते हैं जेहन में। साथ में यह अच्छी बात है कि पुराने गाने सुनने चाहिए और लोग सुन रहे हैं। लेकिन नयों की भी डिमांड अब है। एक जमाने में लगता था कि बारिश के गाने नहीं हैं हमारे पास। ऐसे में पुराने ही चलाने पड़ते हैं। पर अब नए में भी काफी वेरायटी है हमारे पास।

नया नौ दिन पुराना सौ दिन… आपको क्या लगता है। पुरानी मेलोडी ला पाएंगे नए गाने?
एक बात यह कि अब पिक्चरें भी बहुत बन रही हैं। गाने भी बहुत आ रहे हैं। पहले के गाने हम इतने सालों से सुनते आए हैं तो स्वाभाविक ही है कि वे हमारे जेहन में ज्यादा रहेंगे। कोई नया गाना जिसे आए दो महीने ही हुए हैं उसे इतना रिकॉल होना मुश्किल हो जाएगा। अगर आप आज की तारीख में देखें तो बॉलीवुड का म्यूजिक बहुत बदल रहा है। बॉलीवुड बहुत अच्छा म्यूजिक बना रहा है। इस समय मेलोडी सबके सिर चढ़कर बोल रही है। आप देखिएगा कि आज जो गाना बन रहा है उसे लोग अगले दस सालों तक भी आराम से सुना करेंगे।

आप बारिश को कैसे सेलिब्रेट करते हैं?
मैं तो जो करता हूं वह मैंने आज तक किसी को बताया नहीं। अब पहली बार यह होने वाला है कि ओपिनियन पोस्ट की मार्फत लोगों को पता लगेगा कि खुराफाती नितिन बारिश में क्या करता है। मैं गहरे अंदर में बच्चा ही हूं। तो मुझे अपना बचपन याद करने की बहुत आदत है। जैसे ही बारिश होती है मेरे लिए बारिश का मतलब है बचपन। मेरा मानना है कि जितने भी मौसम हंै अगर आप उनकी उम्र लगाएंगे कि गरमी कितने साल की है और जाड़ा कितने का तो सबसे जवान और खूबसूरत बच्चा उनमें बारिश का मौसम होगा। आज भी ऐसा होता है कि अगर मैं कहीं जा रहा हूं और रास्ते में बारिश पड़ जाती है तो मैं रोड की साइड में गाड़ी लगाकर कागज की छोटी छोटी नाव बनाकर पानी में चलाने लग जाता हूं। ऐसा कई बार होता है। अगर आप आश्रम की तरफ से आते हैं तो नेशनल प्रेस से पहले एक पेट्रोल पंप है। बारिश आ रही थी। मुझे बारिश में भीगना अच्छा लगता है। तो मैं गाड़ी खड़ी कर सड़क पर खड़ा होकर भीगने लगा। सड़क पर कोई नहीं था। तो मैं वहां बैठकर कागज की नाव बनाकर पानी में छोड़ने लग गया। एक लड़का निकल रहा था वहां से। कॉलेज स्टूडेंट होगा। उसके पास छतरी थी। अचानक वह मेरे पास आकर रुका। एक दो मिनट मुझे देखता रहा। फिर बोला- मैं भी करूं। मैंने कहा- हां, करो। पता नहीं आप मानेंगे या नहीं कि उसके बाद वहां तीन चार लोग और निकल रहे थे। वे सब बैठ गए और कागज की नाव बना बनाकर बारिश के पानी में छोड़ने लगे। तो अंदर गहरे में सबके बच्चा ही रहता है और बारिश उस बच्चे से हमको मिला देती है। आप देखिए बारिश में पकोड़े खाता है हर इंसान। कोई यह नहीं बोलता कि यार, बारिश हो रही है जरा बर्गर मंगाते हैं। या कोई यह नहीं कहता कि चल पिज्जा मंगाते हैं। क्योंकि बारिश से हमारा बचपन जुड़ा है। बचपन में मां पकोड़े बनाती थी। तो अब वह जेहन में बैठ गया है। बारिश होते ही आप इन चीजों की डिमांड करते हैं।

और रोमांस?
आॅफ कोर्स। मस्ती का माहौल तो होता ही है। तो जो जोड़े हैं उनकी तो मस्ती ही अलग होती है क्योंकि बारिश हमारे रोमांस को उभारकर उसमें पंख लगा देती है। अक्सर आप देखेंगे कि बाइकों पर लोग निकल रहे होते हैं और झटके से माहौल बहुत रोमांटिक हो जाता है। बड़ा जादुई असर होता है।