देश से फरार कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि उनकी भारत लौटने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। वह ब्रिटेन में सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि वह जबरन निर्वासन पर हैं। इस समय भारत में हालात उनके खिलाफ तेजी से भयानक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। माल्या का पासपोर्ट इसी महीने रद्द कर दिया गया था।

ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपनी बंद हो चुकी विमानन कंपनी से जुड़े मामले बैंकों के साथ तर्कसंगत तरीके से निपटाना चाहते हैं लेकिन उन्हें उनका पासपोर्ट रद्द करने या गिरफ्तार करने से पैसा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित तौर पर भारत लौटना चाहूंगा। मगर वहां फिलहाल हालात मेरे खिलाफ तेजी से और भयानक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। मेरा पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। मुझे नहीं पता कि सरकार का अगला कदम क्या होगा।’

माल्या ने कहा कि वह एक देशभक्त हैं जिसे तिरंगा फहरा कर गर्व होता है। लेकिन उनके बारे में जो चीख-पुकार मची है, ऐसे में वे ब्रिटेन में सुरक्षित रहकर खुश हैं और उनकी भारत लौटने की कोई योजना नहीं है। माल्या ने कहा, आज भारत के माहौल को समझना महत्वपूर्ण है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न सिर्फ जनता की राय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है बल्कि सरकार को भी बड़े पैमाने पर भड़का रहा है।

माल्या पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये कर्ज है। बैंकों ने जब इसकी वसूली की कार्रवाई शुरू की तो दो मार्च को वह चुपके से देश छोड़कर ब्रिटेन निकल गए। अब सरकार ने गुरुवार को ब्रिटेन को माल्या के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए पत्र लिखा है। मनी लॉन्डरिंग मामले में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।

माल्या ने कहा कि वह किंगफिशर को मिले कर्ज की रकम का दूसरे काम में उपयोग, संपत्ति खरीदने या ऐसी चीजों से जुड़े किसी गलत आरोप के मामले में दोषी नहीं हैं। सरकार किंगफिशर के खातों के लेखा-परीक्षण और बैंकों के कर्ज के उपयोग के संबंध में विश्व के बेहतरीन लेखापरीक्षक को नियुक्त कर सकती है। मुझे भरोसा है कि उन्हें कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि यही सच है। माल्या ने कहा कि उन्होंने हमेशा कहा है कि इस सबके बावजूद वह किंगफिशर के ऋणदाताओं के साथ मामला निपटाना चाहते हैं।