नई दिल्ली।

अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को करारा झटका दिया है। पाकिस्तान में आम चुनाव से ठीक पहले अमेरिका ने मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। एमएमएल मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा का राजनीतिक मोर्चा है।

बता दें कि हाफिज सईद 26-11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है और पाकिस्तान में उसने अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली है। अमेरिका के राज्य विभाग ने मंगलवार को आंतकी संगठनों की सूची में पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और तहरीक-ए-आज़ादी-ए कश्मीर (ताजक) को शामिल करने के लिए संशोधन प्रस्ताव पेश किया।

अमेरिका ने हाफिज सईद के संगठन मिल्ली मुस्लिम लीग के 7 सदस्यों को भी लश्कर की ओर से आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से विदेशी आंतकी घोषित किया है। यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है, जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने एमएमएल को एक राजनैतिक दल के रूप में पंजीकरण के लिए आंतरिक मंत्रालय द्वारा मिली मंजूरी प्रमाण पत्र पेश करने के लिए कहा था।

अभी तक चुनाव आयोग ने राजनीतिक दल के रूप में उसे मंजूरी नहीं दी है। इससे पहले चुनाव आयोग ने एमएमएल के एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन को खारिज कर दिया था क्योंकि आंतरिक मंत्रालय ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संबंधों पर आपत्ति जताई थी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-निरोध समन्वयक नाथन ए. सेल्स ने कहा, ‘एमएमएल और टीएजेके दोनों ही लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चा हैं और इनका गठन संगठन पर लगे प्रतिबंधों से बचने के लिए किया गया है। आज के संशोधनों का लक्ष्य प्रतिबंधों से बचने के लश्कर-ए-तैयबा के रास्तों को बंद करना और उसके झूठे चरित्र को लोगों के सामने लाना है।’

अब तक पाकिस्तान जमात उद दावा जैसे संगठनों को बस आतंकी सूची में रखकर काम चला रहा था। कभी प्रतिबंध की बात करता था तो कभी उस पर आर्थिक तौर पर चंदा न लेने के लिए प्रतिबंध की बात करता था। लेकिन राष्‍ट्रपति द्वारा अध्‍यादेश पर हस्‍ताक्षर के बाद जमात उद दावा घोषित तौर पर आतंकी संगठन हो गया है।

जमात-उद दावा का संगठन लश्कर-ए तैयबा दुनियाभर में अपनी आतंकी करतूतों को लेकर बदनाम है। अमेरिका ने भी संगठन और हाफिज सईद को आतंक का आका माना है। यहां तक कि उसे आजाद घूमने की इजाजत मिलने पर भी अमेरिका ने विरोध किया था।

पाकिस्‍तानी नेताओं का मुंबई में 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन की तारीफ करना आतंक के प्रति उसके मददगार रुख और भारत के आरोपों को और मजबूती देता है।