harish rawat

देहरादून। उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच शनिवार को राज्यपाल केके पॉल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को चिट्ठी लिखकर बहुमत साबित करने को कहा। राज्यपाल ने रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का वक्त दिया है। वहीं, विधानसभाध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत नोटिस दिया है।

हरीश रावत ने इस मामले पर कहा कि ‘किसी के दबाव में नहीं झुकूंगा। मेरे लिए राज्य का हित पहले है। हालांकि अभी किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है। कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। बागियों में से पांच विधायकों ने संपर्क किया है। हम गलती मानने वालों को माफ करेंगे। हमारे पास समर्थन है। हम बहुमत साबित करेंगे।’ इससे पहले शुक्रवार रात भाजपा के 26 और कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायक दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचने से पहले ये विधायक रात करीब 11 बजे राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। कांग्रेस के बागी विधायकों का नेतृत्व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत कर रहे हैं। हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। विजय बहुगुणा ने कहा है कि हरीश रावत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

हरक सिंह रावत ने दावा किया है कि कांग्रेस के 13 विधायक उनके साथ हैं। विधानसभा में भाजपा के 28 विधायक हैं। भाजपा के राज्य प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि राज्यपाल के पास गाए 35 विधायकों में 26 बीजेपी के और 9 कांग्रेस के थे। ये विधायक राष्ट्रपति के सामने भी परेड के लिए जा सकते हैं।

उत्तराखंड सरकार शुक्रवार को उस समय राजनीतिक संकट में फंस गई जब सत्ताधारी कांग्रेस के 36 में से नौ विधायकों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया। 70 सदस्यीय विधानसभा में उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और कृषि मंत्री हरक सिंह रावत सात अन्य कांग्रेस सदस्यों के साथ विपक्षी भाजपा के साथ सुर में सुर मिलाते हुए बजट पारित कराने के लिए मत विभाजन की मांग करते हुए उनके साथ सदन में धरने पर बैठ गए हालांकि, अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सदस्यों की मत विभाजन की मांग को अस्वीकार कर दिया और ध्वनिमत से बजट के पारित होने की घोषणा करते हुए सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

उत्तराखंड विधानसभा के स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत नोटिस दिया है। इससे पहले कुंजवाल ने सीएम हरीश रावत और संसदीय कार्य मंत्री इंदिरा हृदयेश से मुलाकात की थी। 70 सदस्यीय विधानसभा में बागी कांग्रेस विधायकों के साथ कांग्रेस के पास 36 विधायक हैं। सत्ताधारी पार्टी को प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के छह सदस्यों का भी समर्थन प्राप्त है।