केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA) के बोर्ड को भंग कर दिया है। सरकार ने अब इसका चेयरमैन राम बहादुर राय को बनाया है। इसे फैसले को केन्द्र में कांग्रेस की पकड़ को कमजोर करने के रूप में देखा जा रहा है। 20 नए मेंबर्स की टीम बनाई ।

संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे सदस्य

बोर्ड में राम बहादुर राय सहित 20 नए सदस्यों को शामिल किया गया है। इस पर संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा है कि बोर्ड को भंग करना आम बदलावों की तरह ही है। यह काफी समय से लंबित था। केंद्रीय मंत्री ने यह भी साफ किया कि जो नए लोग बोर्ड में नियुक्त किए गए हैं वे संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

IGNCA  की हुई थी शुरूआत…

IGNCA की स्थापना दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 19 नवंबर, 1985 को की थी।  INGCA को आर्ट्स की पढ़ाई के लिए जाना जाता है।  इसकी स्थापना भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में की गई थी। इसका मकसद भारत ही नहीं बल्कि अतरराष्ट्रीय संस्थानों में भी कला के विषयों को बढ़ावा देना है। साथ ही IGNCA के जरिए आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज और कल्चर क्षेत्र में शोध किया जाता है।

कौन हैं राम बहादुर राय ?

राम बहादुर राय हिंदी के मशहूर पत्रकार हैं। वे जनसत्ता समाचार पत्र में वरिष्ठ पत्रकार के तौर पर काम कर चुके हैं।राम बहादुर राय ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर ‘रहबरी के सवाल’ और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह पर ‘मंजिल से ज्यादा सफर’ नाम की किताब भी लिखी है. राम बहादुर राय, लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी भी रह चुके हैं। राय ने बिहार में 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। वे जेपी आंदोलन की ग्यारह सदस्यीय स्थायी समिति के सदस्य थे। राय पहले शख्स थे जिन्हें 1973 में इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल में मीसा के तहत जेल जाना पड़ा था। पत्रकार रामबहादुर राय को माधव राव सप्रे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें ये अवॉर्ड दिया गया था।