नई दिल्ली/हीरानगर। आतंकी घुसपैठ की कोशिशों से बाज नहीं आ रहे हैं, लेकिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान उनके मंसूबों पर पानी फेर दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रॉकेट वाले ग्रेनेडों (आरपीजी) की गोलाबारी के बाद बीएसएफ के जवानों ने 6 आतंकवादियों के एक दल की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी।

उधर, सरकार ने कथित तौर पर अशांति फैलाने वाले 10 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। कर्मचारियों पर घाटी में पिछले तीन माह से भी जारी अशांति को बढ़ावा देने में शामिल होने का आरोप है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब पौने बारह बजे कठुआ के बोबिया में चार से छह आतंकवादियों के एक दल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के इस पार आने की कोशिश की,  उसने गश्ती वाले जवानों को लेकर जा रहे एक वाहन पर आरपीजी से हमला किया। उसके बाद दोनों पक्षों में भीषण गोलीबारी हुई।

अधिकारी के मुताबिक,  यह वाहन घुसपैठ के प्रयास के वक्त सीमा पर गश्ती पर था। सीमा की चौकसी करने वाले बीएसएफ प्रहरियों ने जवाबी कार्रवाई की। दोनों पक्षों के बीच करीब 20 मिनट पर गोलीबारी चली। माना जा रहा है कि इस घुसपैठ के समर्थन में पाकिस्तान की सीमा अग्रिम चौकी से गोलियां दागी गईं। उन्होंने कहा, ‘हमारी तरफ सबकुछ ठीकठाक है’।

बीएसएफ के जवानों ने जवाबी फायरिंग की जिसके बाद ये आतंकी वहां से भाग गए। बताया जा रहा है कि सभी आतंकी पाकिस्तान से आए थे। देर रात हुई इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक आतंकी जख्मी साथी को घसीट रहा है।

एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, “कर्मचारियों की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर रिपोर्ट राज्य पुलिस ने तैयार की,  जिसे मुख्य सचिव के पास भेजा गया। उन्होंने संबंधित विभागों के प्रमुखों से इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने को कहा।”

बर्खास्त कर्मियों में कश्मीर विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार के अलावा शिक्षा,  राजस्व,  सार्वजनिक स्वास्थ्य,  इंजीनियरिंग और खाद्य आपूर्ति विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने राज्य के संविधान के अनुच्छेद 126 के तहत यह कार्रवाई की।”