नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग में 85 लोगों की नियुक्ति में धांधली के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली। इससे भड़के केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्हीं के इशारे पर एफआईआर में उनका नाम डाला गया है। इससे पहले इस मामले में आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी।

गले की सर्जरी के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं नहीं जानता कि मेरा नाम इस एफआईआर में क्यों आया है? इन नियुक्तियों में मेरी क्या भूमिका है? केजरीवाल ने पूछा कि जब मेरा नाम इस मामले में दर्ज एफआईआर में आया है तो यह भी बताना चाहिए कि इसमें मेरी क्‍या भूमिका थी। पूरी एफआईआर मे एक जगह भी यह नहीं बताया गया है कि अरविंद केजरीवाल का क्या रोल है? उन्होंने कहा कि एफआईआर के साथ जांच रिपोर्ट भी है। सवाल यह है कि अपराधियों की सूची मे मेरा नाम क्यों है। केजरीवाल ने इसके लिए सीधा पीएम को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि मुख्यमंत्री का नाम ऐसे तो नहीं आता। जाहिर है प्रधानमंत्री के इशारे पर हुई है। केजरीवाल ने कहा कि अब अगर केस दर्ज हुआ है तो चर्चा होनी चाहिए। हम चर्चा कराएंगे। इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे और मामले का पूरा षड्यंत्र सामने लाया जाएगा।

वहीं, एसीबी प्रमुख मुकेश मीणा का कहना है कि मैंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपी नहीं बनाया बल्कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह की शिकायत में ही स्वाति मालीवाल के साथ केजरीवाल का भी नाम था। नियम के हिसाब से शिकायत की पूरी कॉपी एफआईआर में तब्दील होती है लेकिन एसीबी ने जांच की है उसमें केजरीवाल की भूमिका अभी तक नहीं पाई गई। इसलिए वो इस केस में अभी तक आरोपी नहीं हैं।

कांग्रेस नेता और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह की शिकायत पर एसीबी ने जांच शुरू की है। अपनी शिकायत में बरखा सिंह ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के कई समर्थकों को डीसीडब्ल्यू में पद दिया गया है। बरखा सिंह ने अपनी शिकायत में 85 लोगों का नाम दिया है। इस मामले में एसीबी पहले ही आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है। सोमवार को उनसे एसीबी ने दो घंटे तक पूछताछ भी की थी।