देबदुलाल पहाड़ी।

डायरेक्ट सेल्लिंग डिस्ट्रीब्यूटर्स को बचाने के लिए महत्वपृर्ण प्रयास में  फेडरेशन ऑफ़ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (एफडीएसए)  ने विरोध करते हुए कहा कि हमारे व्यवसाय में धोखेबाज कंपनियों एवं धोखेबाज लोगों (लीडर्स) की मौजूदगी बड़ी चिंता का विषय है। इस प्रकार की कंपनियां कभी सोना, कभी क्लिक, कभी सर्वे, कभी विज्ञापन, कभी क्रिप्टोकरंसी, कभी भूमि भवन बिक्री व्यापार, कभी तेल कंपनी आदि के नाम पर मूर्ख बनाती हैं ।

एफडीएसए ने  कहा कि ऐसी योजनाएं भारत सरकार के डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन्स 2016 के अनुसार नहीं हैं, लेकिन इन्हें मनी सर्कुलेशन (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत अपराध माना जाता है। वास्तव में आमदनी को प्रॉडक्ट की बिक्री से प्राप्त किया जाना चाहिए, जोकि कानूनी रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने और टीम के कुल कारोबार के माध्यम से वैध है। किसी अन्य प्रकार की आय जो डायरेक्ट सेलिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है, कानूनी मान्यता में नहीं है।

ऐसी धोखेबाज कंपनियां और धोखेबाज लोग (लीडर्स) इस व्यवसाय में आने वाले लोगों को रातों-रात अमीर बनाने के सपने दिखाते हैं और सैलरी प्लान, सिंगल लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान जैसी अलग-अलग स्कीमें भी कंपनी बता रही है।

ऐसी कंपनियां किसी न किसी प्रकार से सिर्फ पैसे लेकर कई गुना मुनाफे सहित एक निश्चित समय सीमा में वापस करने का वायदा करके लोगों को अपने झांसे में ले आते हैं।

इन सब नकरात्मक माहौल को देखते हुए एफडीएसए ने अपने आल इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर्स को चेताया है की ऐसी कंपनियों से दूर रहें यहाँ आपकी कड़ी मेहनत का पैसा डूबने का पूरा खतरा है। यह वही रास्ता है जिस पर एक कंपनी ने 6 लाख से अधिक लोगों को मूर्ख बनाकर 3600 करोड़ रुपये उगाहे और पैसा बनाया। यह कंपनी अब कानूनी शिकंजे में है। लेकिन आम जनता को अपने पैसे वापस मिलने की संभावना नहीं है।

फर्ज़ीवाड़े में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्टों की एक नेगेटिव प्रॉडक्ट लिस्ट जून 2016 में जारी की गई जिसमें लोगों को धोखा देने के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किए गए उत्पाद शामिल थे।  सरकार ने 2017 में उसके महत्व को समझा है और 2018 में घोटाले चलाने वाली धोखाधड़ी कंपनियों पर कार्रवाई होती दिख रही है – जो कंस्यूमर प्रोटेक्शन के लिए नेगेटिव प्रोडक्ट लिस्ट की बेहद उपयोगी भूमिका को रेखांकित करता है ।

ऐसी कंपनियां समय-समय पर बाजार में दिखाई देती रहती हैं। वास्तव में ये कंपनियां नाम बदल कर आती रहती हैं, लेकिन घोटाले करने वालों के चेहरे वही रहते हैं। उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए, नेगेटिव प्रोडक्ट लिस्ट बनाने के बाद, एफडीएसए ने नेगेटिव कंपनियों की एक सूची बनाई है, जो कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और सरकार की जानकारी में लाई गई है।

अब, एफडीएसए ने लीडरों की एक नेगेटिव लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है – जिसमें उन लीडरों के नाम शामिल हैं जो हर फर्ज़ीवाड़े में शामिल रहते हैं और घोटालों की श्रृंखला को जन्म देते हैं। यह लिस्ट भी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और सरकार को जानकारी के लिए बनाई जा रही है।

एक कंपनी चल रही है जो दिखावे भर के लिए प्रॉडक्ट का मुखौटा लगाए हुए है और अपने बिज़नेस प्लान में रातों रात अमीर बनने का दावा पेश कर रही है – जिसमें रूपये लगाने पर 12 या 18 महीने तक लगातार आप को आमदनी मिलती रहेगी या आप दो अन्य लोगों को प्रॉडक्ट खरीदवायें तो अगले 12 महीने या 18 महीने तक एक निर्धारित रकम आप को मिलती रहेगी! आपकी बेवकूफ बनाने के लिए सैलरी प्लान, सिंगल लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान जैसी अलग-अलग स्कीमें भी कंपनी बता रही है।

एक अन्य कंपनी कहती है – ” जो 21 वी सदी का सबसे बैस्ट प्लान जो नैटवर्क मार्कटिगं का इतिहास बदल रहा है  दोस्तो मै आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि आपने ऐसा प्लान न तो कभी देखा होगा और न ही कभी सुना होगा तो फिर देर किस बात की है शुरू हो जाओ इतिहास रचने के लिये – तो जल्दी कीजिये अपने अपने शहर मे टॉप आईडी की पोजिशन लेने के लिये !! दोस्तो हो सकता है कि आपको ये जॉइनिंग अमाउंट ज्यादा लगे एक बार प्लान को ध्यान से देखना नही समझ आए तो एक बार पूरी जानकारी लेना क्योंकि आपका कैरियर सैट करने में इससे बढ़िया ऑप्शन  नहीं हो सकता”

सावधान – ऐसे दावे कर रही उपर्युक्त दोनों योजनाएं फर्जी लाइनों पर हैं।