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कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव न लडऩे के लिए दी गई रिश्वत का आडियो टेप चार साल बाद कई सियासी सूरमाओं के लिए मुसीबत बन गया है. अदालत ने जहां अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है, वहीं एसआईटी जांच के चलते विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है. 

ajit jogiअब पता चल रहा है कि चार साल पहले हुए अंतागढ़ टेप कांड मामले में रायपुर की तत्कालीन मेयर किरणमयी नायक एवं शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय की अर्जी पर पुलिस ने रमन सिंह के कहने पर सुनवाई नहीं की थी. कांग्रेस सरकार बनने के बाद मामले की एसआईटी जांच के आदेश होते ही पंडरी थाना पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने से विपक्ष में खलबली मच गई है. प्राथमिकी दर्ज करने के खिलाफ  पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने हाईकोर्ट में अपनी याचिकाएं दायर की हैं. जबकि रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता एवंं मंतू राम पवार पहले ही रिट पिटीशन क्रिमिनल दायर कर चुके हैं. पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पुनीत गुप्ता एवं मंतू राम पवार की अग्रिम जमानत अर्जी सेशन कोर्ट से खारिज हो चुकी है. अजीत जोगी एवं राजेश मूणत ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिकाओं में स्थगनादेश की मांग की है. विधि विशेषज्ञों के मुताबिक, आरोपियों को जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी पड़ेगी. जाहिर है, मामले ने उस्तादों की मुसीबत बढ़ा दी है. वहीं कांग्रेस लोकसभा चुनाव में इसे भुनाने का प्रयास करेगी. प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, आम तौर पर अदालत अग्रिम जमानत पुलिस डायरी के आधार पर देती है. याचिका खारिज होने का मतलब है कि पुलिस और एसआइटी के पास आरोपियों के खिलाफ  पुख्ता सुबूत हैं. बकौल शुक्ला, अंतागढ़ उपचुनाव कांड देश का वह राजनीतिक षडय़ंत्र था, जिसमें हार से बचने के लिए विरोधी दल के प्रत्याशी को चुनाव के पहले खरीद कर मैदान से बाहर कर दिया गया.

सात करोड़ की डील का आरोप

रायपुर की पूर्व मेयर किरणमयी नायक की शिकायत पर पुलिस ने अजीत जोगी, मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता, राजेश मूणत एवं मंतू राम पवार के खिलाफ  धारा 171-ई, 171-एफ , 406, 420, 120 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 9 व 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. नायक ने पुलिस को मूल टेप समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी दिए हैं. पवार पर आरोप है कि सात करोड़ रुपये की डील होने पर उन्होंने अंतागढ़ उपचुनाव में अचानक अपना नाम वापस ले लिया था. गौरतलब है कि अंतागढ़ टेप कांड के चलते अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को कांग्रेस से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया. कथित आडियो टेप में अजीत जोगी और अमित जोगी को डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता से कांग्रेस उम्मीदवार मंतू राम पवार को पैसे देकर चुनाव मैदान से हटाने के लिए सौदेबाजी करते सुना गया. टेप में छह लोगों की आवाज है, जिनमें से सिर्फ  फि रोज सिद्दीकी ने अपनी आवाज होना स्वीकारा, शेष पांच लोगों ने उसे फ र्जी करार दिया. अमित जोगी ने कहा, आडियो टेप की जांच किसी अन्य समिति से कराई जाए. जबकि भूपेश सरकार का कहना है कि टेप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.

अंतागढ़ चुनाव प्रकरण

पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी के सांसद चुने जाने के बाद 2014 में हुए अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस ने अजीत जोगी के करीबी मंतू राम पवार को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह अचानक बिना बताए गायब हो गए. इस चुनाव में भाजपा के भोजराज नाग सहित दस प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे, लेकिन आखिरी समय में मंतू राम ने अपना नाम वापस ले लिया. कांग्रेस ने डमी उम्मीदवार सुनीता पवार का नामांकन दाखिल कराया था, जो रद्द हो गया. इस चुनाव में भोजराज नाग रिकॉर्ड मतों से जीते थे.

सत्ता का दुरुप्रयोग: अजीत जोगी

अंतागढ़ टेप कांड की जांच आईजी-रायपुर आनंद छाबड़ा कर रहे थे, जिसमें आंशिक संशोधन करते हुए डीजीपी डीएम अवस्थी ने आईजी जीपी सिंह को जांच टीम का प्रभारी बनाया है. एसआइटी को फि रोज सिद्दीकी ने संबंधित ऑडियो टेप एवं पेनड्राइव दे दिए हैं. टेपकांड को लेकर अजीत जोगी फि र से कांग्रेस के निशाने पर हैं. वह कहते हैं, कांग्रेस का आरोप झूठा है. मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है. भूपेश बघेल सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. जब कांग्रेस विपक्ष में थी, तब भूपेश ने कहा था कि तीनों सीडी कांड की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराई जाएगी, लेकिन आज वह ऐसा नहीं कर रहे हैं.

मुझे फं साने की साजिश: मंतू राम

टेप कांड की जांच कर रही एसआईटी से मिलने से पहले मंतूराम ने रमन सिंह से मुलाकात की. इस पर भूपेश ने कहा, इस मुलाकात की जरूरत क्या थी, यह तो चोर की दाढ़ी में तिनका है. हम अलग से कोई जांच नहीं करा रहे हैं, सारी शिकायतें-एफ आईआर रमन सिंह के समय हुईं. मंतू राम ने एसआईटी से कहा, मुझे नहीं मालूम, किसने पैसा लिया और दिया. मुझे फं साने के लिए एसआईटी गठित की गई. भूपेश बघेल सरकार बदले की भावना से काम कर रही है.

टेप कांड में हमारी भूमिका नहीं: रमन सिंह

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, मंतू राम की नाम वापसी कांग्रेस का आंतरिक मामला था. इसमें भाजपा, सीएम हाउस या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य की कोई भूमिका नहीं थी. डॉ. पुनीत गुप्ता सरकारी नौकरी करते हैं. इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है और न वह कभी राजनीति में आएंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं, टेप कांड में रमन सिंह एवं उनके दामाद पुनीत भी शामिल हैं. भाजपा को रमन के खिलाफ  कार्यवाही करनी चाहिए.

लोकतंत्र का काला अध्याय: सुशील

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अंतागढ़ उपचुनाव लोकतंत्र का काला अध्याय है, जिसमें भाजपा और षडय़ंत्रकारियों ने सत्ता बल और धन बल का दुरुपयोग करके कांग्रेस प्रत्याशी मंतू राम का नाम वापस कराया था. इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं उनके पुत्र अमित द्वारा लेन-देन का खुलासा हुआ था. यह अपनी तरह का पहला राजनीतिक षडय़ंत्र था, जिसमें चुनावी हार से बचने के लिए विरोधी दल के प्रत्याशी को खरीद कर उसे मैदान से बाहर कर दिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस को नोटिस

रायपुर कोर्ट ने अंतागढ़ टेप कांड पर इंडियन एक्सप्रेस पत्र समूह के डायरेक्टर संपादक, प्रधान संपादक, रिपोर्टर, मुद्रक-प्रकाशक के विरुद्ध धारा 500, 501, 502 व 34 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें नोटिस जारी किया है. अखबार ने 2015 में अजीत जोगी, अमित जोगी एवं पुनीत गुप्ता की बातचीत और अंतागढ़ मसले को लेकर एक समाचार प्रकाशित किया था, जिसका आधार एक टेप बताया गया था. अजीत जोगी ने अखबार के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था.

एसआईटी की मुश्किलें

अंतागढ़ टेप कांड की जांच एसआईटी कर तो रही है, लेकिन मामले की तह तक जाने के लिए उसकी राह इतनी आसान नहीं है. सवाल यह है कि एसआईटी मूल टेप कैसे बरामद करेगी? वह मोबाइल, जिसमें पूरी बात रिकॉर्ड हुई, किसके पास है? फि रोज सिद्दीकी के बयान पर ही वह अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाएगी. अमीन मेनन कभी अजीत जोगी का बहुत करीबी था, जैसे फि रोज. क्या वह अजीत के खिलाफ  जाएगा. टेप की लैब से जांच, दर्ज आवाजों की संदिग्धों से मिलान और अजीत जोगी, अमित एवं पुनीत की आवाजों के नमूने लेने जैसी कई दिक्कतों का सामना एसआईटी को करना पड़ सकता है. वहीं आईजी जीपी सिंह कहते हैं, हमें मालूम है कि बयान कैसे लिए जाते हैं, हम वास्तविक पारदर्शिता के साथ पूरी निष्पक्षता से जांच पूरी कर लेंगे. हमें काम करना आता है.

सवाल दर सवाल

क्या एसआईटी अपनी जांच में यह खुलासा कर पाएगी कि अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मंतू राम पवार ने किसके इशारे पर अपना नाम वापस लिया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को क्यों नहीं बताया. मंतू राम का कहना है कि वह पार्टी में गुटबाजी और अंतर्कलह के चलते चुनाव मैदान से हटे थे. भाजपा के लिए अंतागढ़ सीट जीतना क्यों जरूरी था. ऐसे ढेरों सवाल हैं, जिनके जवाब खोजे जाने हैं.