नई दिल्‍ली। मोदी सरकार अपना वादा पूरा करने में कितनी कामयाब रही है, इसका जायजा लेने के लिए प्राइम मिनिस्टर ऑफिस यानी पीएमओ ने एक व्यापक अभियान शुरू किया है। उसने सभी मंत्रालयों को प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की तरफ से लॉन्च प्रोजेक्‍टों की स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मोदी इन आंकड़ों का इस्तेमाल अपने भाषणों में कर सकते हैं।

उधर, ट्विटर पर भी ट्वीट के बाण चलने लगे हैं। बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने बुधवार को एक ट्वीट कर मोदी सरकार की कोशिशों से भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल दाऊद इब्राहिम की यूनाइटेड अरब अमीरात स्थित 15 हजार करोड़ की संपत्ति को जब्त किए जाने की जानकारी दी थी और इसे पार्टी की कूटनीतिक सफलता करार दिया था। लेकिन बीजेपी के इस ट्वीट पर कई लोग विरोधी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, क्‍योंकि दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास की एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

उधर, मोदी ने स्‍टेटस रिपोर्ट के व्यापक अभियान को अंजाम तक पहुंचाने का काम प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा को दिया है। मंत्रालयों से मिलने वाली रिपोर्ट से एक रिव्यू तैयार किया जाएगा,  जिससे मिश्रा को यह पता लगाने में आसानी होगी कि मोदी के हाथों शुरू हुई कितनी परियोजनाओं पर काम पूरा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक,  मंत्रालयों को उन परियोजनाओं की संख्या, परियोजना की लागत,  देरी होने की वजह और लागत में बढ़ोतरी का ब्योरा देना है, जिनका शिलान्यास मोदी ने किया है। इस कवायद में रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाईवेज, रेलवेज, अर्बन डिवेलपमेंट, शिपिंग ऐंड सिविल ऐविएशन सहित कई बुनियादी ढांचा मंत्रालयों पर जोर दिया गया है।

पीएमओ ने प्रोजेक्‍टों के नाम और लोकेशन, शिलान्यास की तारीख, कुल लागत, शिलान्यास के वक्त बताई गई टाइमलाइन,  हालिया स्थिति के अलावा देरी की वजह का ब्योरा मांगने के लिए मंत्रालयों के बीच एक प्रो-फॉर्मा सर्कुलेट किया है। उन प्रोजेक्‍टों के लिए अलग से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है,  जिनका उद्घाटन प्रधानमंत्री काफी पहले कर चुके हैं।

…तो जब्‍त नहीं हुई दाऊद की संपत्ति

भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार की कोशिशों से भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल दाऊद इब्राहिम की यूनाइटेड अरब अमीरात स्थित 15 हजार करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है, लेकिन दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास की एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

गोपाल पलांदे ने लिखा, “क्या यह सच है? या इलेक्शन स्टंट?” अनुपमा ने लिखा, “गलत खबर देना बंद करो। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।” देवेंद्र मिश्रा ने लिखा, “यह ग़लत है। कृपया आम लोगों को भ्रमित न करें।

अविराम विज ने लिखा, “बीजेपी और यूएई की सरकारी की कोशिशें काबिले तारीफ हैं।” तुषार कांति चकराब ने ट्वीट किया, “भारतीयों के लिए यह वाकई एक अच्छी खबर है।