उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग 4 जनवरी को कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सात चरण और बाकी राज्यों में एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं। पहले चरण में उत्तराखंड और पंजाब में चुनाव कराने की संभावना है। इन दोनों राज्यों में 8 फरवरी को चुनाव करवाए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि चुनाव के ज्यादातर चरण फरवरी में कराए जा सकते हैं। मतों की गिनती मार्च के पहले हफ्ते में हो सकती है।
चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और राजनीतिक दलों को ताकीद की है कि इनका पालन करना जरूरी होगा। आयोग ने जनता को भी आगाह किया गया है कि इसके पालन में राजनीतिक पार्टियां या नेता जहां भी लापरवाही करें फौरन इसकी सूचना और सबूत चुनाव आयोग के चौबीसों घंटे काम करने वाले कॉल सेंटर को टोलफ्री नंबर 1950 पर फोन या एसएमएस कर दें।
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने राज्य की चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि फोटो मतदाता पर्ची पर वोटर की बड़ी तस्वीर होगी और मतदाता पर्ची पर पोलिंग स्टेशन की लोकेशन भी दर्ज होगी। यही नहीं, मतदाता पर्ची पर गूगल मैप का स्नैपशॉट लगेगा। सभी राज्य चुनाव आयोग से बदलाव लागू करने को कहा गया है।
पीएम की घोषणाओं पर नजर
चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान किए जाने से ज्यादा सियासी गलियारे में भाजपा के चुनाव प्रचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की जा रही घोषणाओं पर है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही नोटबंदी की वजह से गरीब तबके को हो रही परेशानी के उपाय के तौर पर कोई बड़ी घोषणा करने वाले हैं। यह भी काफी दिलचस्प होगा कि मोदी की ओर से की जाने वाली घोषणा चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन न करे। इस लिहाज से भाजपा के लिए 2 जनवरी को लखनऊ में होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की रैली चुनाव अभियान की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।