फरीदकोट।

पंजाब के फरीदकोट से 35 किलोमीटर दूर पंजाबी यूनिवर्सिटी के जैतो कैंपस में प्रदर्शन के दौरान छात्रों को समझाने पहुंचे डीएसपी ने खुद को गोली मार ली, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सवाल उठ रहा है कि उन्होंने खुद को गोली मार ली या किसी स्टूडेंट का धक्का लगने से गोली चल गई और गोली डीएसपी की गर्दन से आरपार होते हुए गनमैन को भी लग गई। पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बठिंडा जोन के आईजी एमएस चीना को जांच सौंपकर उनसे रिपोर्ट मांगी है।

दोनों को मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल ले जाया गया था, जहां डीएसपी संधू को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डीएसपी के परिजनों का भी कहना है कि वह किसी भी तरह की परेशानी या तनाव में नहीं थे। संधू की पत्नी उनके साथ जैतो में रहती थी, उनके माता-पिता पटियाला में रहते हैं। बेटा विदेश में स्टडी करने गया है।

इंस्पेक्टर जनरल मुखविंदर सिंह ने बताया कि जैतों पंजाबी यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स एक मामले को लेकर स्थानीय एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी डीएसपी बलजिंद्र संधू ने खुद के सिर पर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर तान ली थी।

कुछ दिन पूर्व पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पढ़ने वाले दो छात्रों व एक छात्रा को बस स्टैंड से उठाया था। इसके बाद उन्हें थाने ले जाया गया, जहां उनके साथ मारपीट की गई। इससे गुस्साए छात्रों ने मामले की शिकायत पुलिस उच्चाधिकारियों को दी थी और एसएचओ पर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन, अभी तक एसएचओ पर कार्रवाई नहीं हुई थी।

छात्रों के एक गुट का आरोप है कि पुलिस दूसरे गुट के दबाव में आकर एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच डीएसपी बलजिंद्र संधू पहुंचे थे। बठिंडा रेंज के आईजी एमएस चीना ने डीएसपी बलजिंद्र संधू की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान गोली चलने से डीएसपी संधू की मौत हुई है।

मौके से लिया गया जो वीडियो सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि डीएसपी ने पहले खुद के सिर पर बंदूक तानी और खुद को शूट कर लिया। उधर,  मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि फरीदकोट में डीएसपी की गोली लगने से मौत का मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, मामले की जांच जारी है।