निशा शर्मा।

एक ही तारीख पर फिल्म रिलीज होने को लेकर अजय देवगन और करण जौहर के बीच जंग छिड़ गई है। इस जंग में जोर तब पकड़ा जब अजय देवगन की पीआर कंपनी ने केआरके की एक आडियो क्लिप मीडिया में जारी की। अजय और करण के बीच की जंग ने दो बातों पर बहस शुरू कर दी है कि क्या एक ही दिन होने वाली दो फिल्मों की रिलीज से उनके मुनाफे पर असर पड़ता है इसी से जुड़ा दूसरा पहलू अगर असर पड़ता है तो क्या फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का स्तर इतना गिर गया है कि दूसरे की फिल्म को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

ओपिनियन पोस्ट से बात करते हुए वरिष्ठ फिल्म समीक्षक शिरिष चन्द्र मिश्र बताते हैं कि आजकल फिल्मों का ट्रेंड बदल गया है फिल्मों के लिए दिन तय होते हैं जैसे दिवाली, होली। पहले फिल्मों के 400 से 500 प्रिंट छपते थे लेकिन अब 4000 से 5000 प्रिंट छपते हैं। आजकल की फिल्में फिल्मों की तरह रिलीज नहीं होंती हैं बल्कि एक प्रोडक्ट की तरह रिलीज की जाती हैं। जिसमें सिर्फ मुनाफा देखा जाता है।  उसमें भी अगर एक ही समय में दो फिल्में एक साथ रिलीज हो रही हैं तो फिल्म बनाने वालों के लिए मुनाफे को लेकर चिंता होने लगती है। जैसे फिल्म दिल वाले के साथ बाजीराव मस्तानी आई और फिल्म बाजीराव मस्तानी ने अच्छा कलेक्शन किया और दिल वाले उसके मुकाबले कम चली। यही वजह है कि प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और प्रतिस्पर्धा के साथ दूसरे की फिल्मों की मार्किट गिराने की भी पूरी कोशिश की जा रही है।

फिल्म का विषय कहीं प्रभाव डालता है के प्रशन का जवाब देते हुए शिरिष कहते हैं कि विषय अच्छा है तो चाहे कितनी ही फिल्में रिलीज हों कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसी फिल्मों से इतिहास भरा पड़ा है जब दो फिल्में एक साथ रिलीज हुई और दोनों खूब चलीं जिसमें फिल्म दिल के साथ फिल्म घायल आई और दोनों खूब चलीं वहीं फिल्म गदर और लगान एक साथ रिलीज हुईं और दोनों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की ।

अजय देवगन अपनी फिल्म सन आफ सरदार की रिलीज के समय भी यश राज फिल्मस् के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कर चुके हैं। उस समय अजय ने कहा था कि उनकी फिल्म को 900 स्क्रीन नहीं मिल पा रही हैं जिसकी वजह है कि यशराज फिल्मस् ने अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल किया था

इस बार अजय देवगन का आरोप है कि उनकी फिल्म ‘शिवाय’ के खिलाफ करण जौहर कमाल आर खान (केआरके) के साथ मिलकर कोई साजिश रच रहे हैं। इसके लिए अजय देवगन ने जांच की मांग भी की है। अजय ने केआरके और उनके सह निर्माता कुमार मंगत के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड भी किया है और उसे प्रेस रिलीस के साथ मीडिया में बांटा है।

इस पर  वरिष्ठ फिल्म समीक्षक शिरिष मिश्र कहते हैं कि केआरके का कोई वजूद नहीं है लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में दूसरे की फिल्म के गिरने का इंतजार पहले भी किया जाता था और आज भी किया जा रहा है।

वहीं वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज कहते हैं कि एक साथ फिल्म रिलीज होने से फिल्मों की कमाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ता। हालांकि केआरके जैसे हथकंडे फिल्म इंडस्ट्री में एक दूसरे के लिए हमेशा से अपनाए जाते रहे हैं बात दूसरी है कि इस तरह का ऑडियो पहली बार सामने आया है।