ओपिनियन पोस्ट 
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह लगातार सीमा पर किसी ना किसी तरह भारत के लिए चुनौतियां पेश कर रहा है। अब पता चला है कि चीन ने उत्‍तरी डोकलाम पर चोरी-छिपे 7 हेलीपैड बना डाले हैं।

इतना ही नहीं, चीन ने यहां हथियारों से लैस वाहन भी तैनात कर दिए हैं। चीन की इस करतूत को सैटेलाइट तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है। खास बात यह है कि इसका खुलासा रिटायर्ड कर्नल विनायक भट्ट ने किया है। गूगल अर्थ की मदद से ली गई एक तस्वीर में भारतीय दूतावास से 81 मीटर की दूरी पर एक चीनी संरचना दिखाई पड़ती है, यहां 100 से ज्यादा बड़े सैनिक उपकरण/वाहन की उपस्थिति पुख्ता हुई है। बताया जा रहा है उत्तरी डोकलाम क्षेत्र में चीन बड़ी संख्या में लड़ाकू चौकियों का निर्माण कर रहा है और यहां मौजूदा सड़कों को चौड़ा करने का काम चल रहा है।

हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ चीन ने उसी जगह किया है, जहां पिछले साल भारतीय सेना से चीनी सेना की नोक-झोंक हो गई थी। इसके बाद चीनी सेना को पीछे हटना भी पड़ा था।

रिटायर्ड कर्नल ने अपने इस दावे को पुष्ट करने के लिए बाकायदा सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया है और इन्हें शेयर भी किया है। इन सैटेलाइट्स तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि यहां कुछ चौकियां, 7 हेलीपैड और दर्जनों हथियारबंद वाहन हैं।

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साभार फोटो- द प्रिंट 

बता दें कि रिटायर्ड कर्नल के इस खुलासे से पहले सेना चीफ जनरल बिपिन रावत ने एक बयान दिया था। जनरल रावत ने कहा था कि उत्तरी डोकलाम में चीन ने अपनी सैन्य टुकड़ियां अभी तक तैनात की हुई हैं। लेकिन, सैनिकों और हथियारों से लैस वाहनों में पहले की तुलना में कमी आई है।

आर्मी चीफ विपिन रावत (फाइल फोटो)

सेना प्रमुख ने कहा था, “डोकलाम की घटना के बाद हमने सीमा पर तैनात अपने जवानों की बैठक शुरू कर दी है। हम नियमित तौर पर मिल रहे हैं, बातचीत हो रही है, जमीनी स्तर पर कमांडरों के बीच संवाद जारी है और डोकलाम (की घटना) से पहले रहा सौहार्द लौट आया है।”

उन्होंने कहा था, “डोकलाम के एक क्षेत्र में चीनी सैनिक मौजूद हैं, हालांकि, ये उतनी संख्या में नहीं हैं, जो शुरुआत में थे। उन्होंने कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपमेंट का काम किया है, लेकिन वे ज्यादातर अस्थाई हैं। हो सकता है कि सर्दी की वजह से चीनी सैनिक अपने उपकरण साथ ना लेकर गए हों, ऐसे में वे वापस आ सकते हैं। अगर वे वापस आते हैं तो हमारे सैनिक किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।”

वहीं, उन्होंने ये भी कहा, “हालांकि, हमें कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आ रही, लेकिन इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए।” बता दें कि पिछले साल डोकलाम में एक सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के बीच दो महीने से ज्यादा तक गतिरोध रहा।