मई 2002 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह पर उनकी एक साध्वी ने यौन शोषण का आरोप लगाया। साध्वी ने एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा गया जिसकी एक कॉपी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई।

पत्र में किसी का नाम नहीं था सिर्फ आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।  उसमें आरोप लगाया गया था कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है।

पत्र में गंभीर आरोप लगाते हुए आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। पत्र में दो जगह की साध्वी का भी जिक्र था जिनके साथ प्रताड़ना होने की बात कही गई थी।

कुरुक्षेत्र के एक सेवादार के बारे में यह लिखा था कि इस प्रताड़ना के बाद पूरे परिवार ने डेरे से नाता तोड़ लिया है। पत्र में गुहार लगाते हुए सहायता की मांग की गई थी और कहा गया था कि मैं अपना नाम-पता लिखूंगी तो मुझे मार दिया जाएगा। इसकी किसी एजेंसी के माध्यम से जांच करवाई जाए। हमारा डॉक्टरी मुआयना करवाना चाहिए, ताकि अभिभावकों को पता चले यहां क्या चल रहा है।