अजय विद्युत

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती सबके सब भाजपा के खिलाफ नोटबंदी को अपना ब्रह्मास्त्र मानकर चल रहे हैं। उनका एकसुर से कहना है कि डिजिटल पेमेंट को अपनाना इस गरीब और अशिक्षित प्रदेश में संभव नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों ने जिस तेजी से डिजिटल पेमेंट सिस्टम को अपनाया है वह चौंकाने वाला है। नीति आयोग के अनुसार नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की लकी ड्रॉ स्कीम के तहत लगभग चार लाख लोग साठ करोड़ रुपये इनाम में जीत चुके हैं। सबसे ज्यादा इनाम पाने वाले शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश का नाम शामिल है। बाकी चार राज्य महाराष्ट्र​, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक है।

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी का आकलन है कि ‘उत्तर प्रदेश में चाहे समाजवादी पार्टी हो, कांग्रेस हो या बहुजन समाज पार्टी- उनके पास उत्तर प्रदेश के इस चुनाव में कोई खास मुद्दा नहीं है। वे सब एक तरह से मोदी विरोध के मुद्दे पर ही चुनावी समर में उतरे हैं। चूंकि हाल में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का कदम उठाया था इसलिए उसे उन्होंने विरोध का एक मुद्दा बनाया हुआ है।’

एक राजनीतिक विश्लेषक ने बताया, ‘डिजिटल भुगतान में पुरस्कृत लोगों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का शीर्ष पांच राज्यों में जगह बनाना कोई मामूली बात नहीं है। यह इस बात का पुख्ता सबूत है कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में प्रदेश के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।’ उल्लेखनीय है कि इन पांच राज्यों में यूपी ही सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाला प्रदेश है। महाराष्ट्र​ में एक लाख 29 हजार रु., तमिलनाडु में एक लाख 28 हजार रु., कर्नाटक में 89 हजार रु., आंध्र प्रदेश में 90 हजार रु. के मुकाबले उत्तर प्रदेश में केवल 40 हजार रु. प्रति व्यक्ति आय है।

प्रमोद जोशी कहते हैं, ‘इसे कई रूप से लिया जा सकता है। जैसे उत्तर प्रदेश के लोगों ने डिजिटल पेमेंट में ज्यादा हिस्सा लिया है।’ सपा, बसपा, कांग्रेस सभी का कहना था कि उत्तर प्रदेश गरीब प्रदेश है और यहां डिजिटल पेमेंट अपनाना लोगों के लिए संभव नहीं है, यह कितना सही था। इस सवाल के जवाब में जोशी ने कहा, ‘हां इस संदर्भ में इसका राजनीतिक भावार्थ ढूंढा जा सकता है कि जहां ज्यादा डिजिटल पेमेंट हुआ उसका मतलब कि वहां भाजपा को अच्छा समर्थन मिलेगा।’

नीति आयोग ने कहा है डिजिटल पेमेंट के विजेताओं में ज्यादातर इक्कीस से तीस वर्ष आयुवर्ग के युवा हैं यानी युवाओं ने डिजिटल पेमेंट को अपनाने में अधिक उत्साह दिखाया है। उत्तर प्रदेश में युवा मतदाता बड़ी संख्या में हैं इसलिए राजनीतिक प्रेक्षक इसे उनके रुझान के रूप में भी देख रहे हैं।