विशेष संवाददाता 
नई दिल्ली। अमूल्य पटनायक ने आज दिल्ली पुलिस कमिश्नर का पद संभाल लिया। आलोक कुमार के सीबीआई प्रमुख बनाए जाने के बाद यह पद रिक्त हुआ था। इस अवसर पर पटनायक ने कहा कि दिल्ली में अपराध रोकना और महिलाओं की सुरक्षा उनकी प्रथमिकता में है। दिल्ली की जनता में दिल्ली पुलिस को लेकर जो अवधारणा है उसे भी बदलने का प्रयास करेंगे।
पटनायक को भले ही दिल्ली की भौगोलिक और अपराधिक गतिबिधि की काफी समझ हो, लेकिन समय बदलने के साथ बदलते अपराध से निपटने की चुनौती भी कम नहीं होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद कैशलेस इकॉनमी और डिजिटलाइजेशन से बढऩे वाले साइबर अपराध से निपटने में आज की पुलिसिया टीम अपराधियों की सोच और समझ के आगे खुद को बौना ही पाती है। ऐसे में मैन पॉवर की कमी और साइबर प्रशिक्षण के बिना इन अपराधियों पर अंकुश पाना काफी मुश्किल होगा। कुछ विरोधी लॉबी के पुलिसकर्मियों से काम करवाना और उन पर नियंत्रण पाने में भी कमिश्नर को मुश्किलों से सामना करना पड़ सकता है।
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस मौजूदा समय में 80 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी करीब पौने दो करोड़ से ज्यादा की जनता के बीच कानून व्यवस्था संभाल रहे हैं। हर दिन दिल्ली में करीब 50 से ज्यादा साइबर क्राइम के मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए जाते हैं। इस तरह के अपराध से निपटने के लिए मात्र डेढ़ सौ प्रशिक्षित पुलिसकर्मी हैं।
प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों की कमी से 80 फीसदी से ज्यादा साइबर अपराध से पुलिस पर्दा नहीं उठा पाती है। थानों में तो साइबर अपराध से निपटने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या न के बराबर है। नोटबंदी के बाद कैशलेस इकॉनमी के लिए प्रयोग होने वाले तौर तरीकों से साइबर अपराध में कई गुना बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
ऐसे में इस हाईटेक अपराध से निपटना पुलिस कमिश्नर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अमूल्य पटनायक का कार्यकाल तीन साल के लिए होगा।