लखनऊ। मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव पूरे फार्म में हैं। वह अब ये दिखाने में जुट गए हैं कि असली बॉस कौन है। उन्‍होंने सोमवार को दो कैबिनेट मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद मंगलवार को बकरीद के दिन हमेशा विवादों में रहने वाले आईएएस अधिकारी व उत्तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव दीपक सिंघल की भी छुट्टी कर दी। यह बात जगजाहिर है कि अखिलेश यादव दीपक सिंघल के व्‍यवहार से खफा थे और उनको पसंद नहीं करते थे। वह सिंघल को मुख्य सचिव बनाए जाने के भी खिलाफ थे, लेकिन मुलायम सिंह यादव के दबाव में दीपक सिंघल को मुख्य सचिव बनाना पड़ा था। सिंघल ने दो महीने पहले ही मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण किया था। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सिंघल को हटाकर प्रतीक्षारत रखा गया है। प्रमुख सचिव (वित्‍त) राहुल भटनागर को नया मुख्य सचिव बनाया गया है, जो गन्ना आयुक्त समेत तमाम महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। कहा जाता है कि अखिलेश यादव से उनका अच्छा तालमेल है। भटनागर 1983 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं, तो सिंघल 1982 बैच के।

सिंघल ने 7 जुलाई को मुख्य सचिव का पद संभाला था। उनसे पहले आलोक रंजन मुख्य सचिव थे, जो 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए। सिंघल को हटाने की कोई वजह सामने नहीं आई है। हालांकि सपा के कुछ नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री शायद सिंघल से खुश नहीं थे क्योंकि वह सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह द्वारा दिल्ली में दिए गए रात्रिभोज में शामिल हुए थे जबकि खुद मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नहीं गए थे। पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और कुछ अन्य पार्टी नेता रात्रिभोज में शामिल हुए थे। सिंघल को अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव का करीबी समझा जाता है। सिंघल मुख्य सचिव बनने से पहले प्रमुख सचिव (सिंचाई) थे। सिंचाई विभाग शिवपाल के ही पास है।

सोमवार की रात ही सरकार ने प्रमुख सचिव (खनन) गुरदीप सिंह का तबादला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में कर दिया था। सिंह ने सुधीर गर्ग का स्थान लिया है, जो अब नए प्रमुख सचिव (खनन) हैं। भटनागर ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता होगी कि परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि राज्य की जनता को उनका फायदा मिल सके। उन्होंने कहा, ‘मेरा ध्यान त्वरित फैसले लेने व राज्य में शांतिपूर्ण माहौल कायम करने पर रहेगा। जनता में विश्वास पैदा करने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाएंगे ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न आए।’