नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए फ्रांस की मदद से बन रहीं ऐसी 6 पनडुब्बियों से जुड़े दस्‍तावेज और डाटा कैसे लीक हुए, अब भारत में इस पर मंथन हो रहा है। मामला पीएमओ तक जा पहुंचा है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नेवी चीफ से रिपोर्ट मांगी है। नेवी ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि यह विदेश में लीक किया गया है न कि भारत में।” लेकिन ऑस्ट्रेलिया के मीडिया ने डीसीएनएस के हवाले से लिखा है कि लीक फ्रांस से नहीं बल्कि भारत से हुआ है। यह भी कहा जा रहा है कि संबंधित दस्तावेज एक फ्रांसीसी कंपनी से लीक हुए हैं। पर्रिकर ने कहा है कि यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस तरह का डाटा लीक हुआ। फ्रांस ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

पर्रिकर ने मीडिया से कहा, ” मुझे रात 12 बजे जानकारी मिली थी। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह हमसे संबंधित है या नहीं। मुझे लगता है कि यह 100% लीक नहीं है। मैंने इस मामले में नेवी चीफ को जांच करने के लिए कहा है।” आशंका जताई जा रही है कि यह जानकारी पाकिस्तान के लिए बड़ा खजाना साबित हो सकती है। हालांकि भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया जा रहा है कि जो डाटा लीक हुआ है, वह भारत से संबंधित नहीं है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मानें तो और जानकारी जुटाने की कोशिश जारी है।

बता दें कि स्कॉर्पियन श्रेणी की 68 मीटर लंबी पनडुब्बी अपनी तरह की पहली स्वदेश निर्मित पनडुब्बी है। यह जल के अंदर और  सतह पर भी प्रहार करने में सक्षम है। इसके अलावा पानी के अंदर सूचनाएं इकट्ठा करने, बारूद बिछाने एवं स्वयं को दुश्मन की निगाह से बचाते हुए क्षेत्र की निगरानी करने में भी यह समर्थ है। स्कॉर्पीन कालवारी की लंबाई 216 फुट और चौड़ाई 20 फुट है। 6 स्कॉर्पीन सबमरीन्स बनाने के लिए दोनों पक्षों में 3.5 बिलियन डॉलर (करीब 23,400 करोड़ रुपये) में करार हुआ था। इन्हें 2020 तक नेवी को सौंप देने का लक्ष्‍य है। कालवारी बारूदी सुरंग बिछाने, खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी समेत कई मिशन को अंजाम दे सकती है। इसमें 533 एमएम टॉरपीडो लैस होगा। इसमें कुछ 06 टॉरपीडो ट्यूब हैं। इसके साथ दो एंटी-शिप मिसाइल भी रखी जाएंगी।