सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने के बाद अब रतन टाटा चार महीने तक अंतरिम चेयरमैन बने रहेंगे। रतन टाटा फरवरी तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे । 2012 में 48 साल के साइरस पल्‍लोनजी मिस्‍त्री को जब ग्रुप के चेयरमैन की कमान सौंपी गई, तब उनसे उम्मीद की गई कि वह समूह को रतन टाटा द्वारा पहुंचाई गई ऊंचाई से और आगे ले जाएंगे।  लेकिन मिस्त्री से तमाम शिकायतों के बीच उन्हें हटाने का फैसला सोमवार को ले लिया गया। हालांकि 78 साल के चेयरमैन रतन टाटा सिर्फ 4 महीने के लिए ही अंतरिम चेयरमैन रहेंगे। स्टाफ़ को भेजे एक ख़त में रतन टाटा ने यह बात कही है। इन्हीं चार महीनों की मियाद के भीतर ग्रुप का चेयरमैन कौन होगा, इसका फैसला करने के लिए एक पांच सदस्यीय सर्च पैनल भी बना दिया गया है।

इस पांच सदस्यीय सर्च कमिटी का काम ग्रुप के नए चेयरमैन का चुनाव करना होगा। कमिटी को यह काम फरवरी 2017 से पहले पूरा करना होगा. इस सर्च कमेटी में रतन टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा, रोनेन सेन और सुशांत कुमार भट्टाचार्य होंगे। ये सभी टाटा ग्रुप के बाहर और भीतर के विकल्पों को देखते हुए टाटा ग्रुप के अगले चेयरमैन का चुनाव करेंगे।