सुनील वर्मा
फ्लाईओवर, सीवर-नालों और सड़कों के निर्माण में होने वाले भ्रष्टाचार और उनकी गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एक संस्था राको (रोड एंटी करप्शन आॅर्गनाइजेशन) ने दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीउब्लूडी) की मिलीभगत से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी रिश्तेदार पर करीब 300 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो से भी शिकायत की गई है।
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राको के संस्थापक चेयरमैन राहुल शर्मा ने
बताया कि देश के पांच राज्यों समेत दिल्ली के पीडब्लूडी के 12 खंडो में उनकी संस्था ने 151 आरटीआई के माध्यम से भ्रष्टाचार से जुड़ी सूचनाए और दस्तावेज प्राप्त किए। इनके अवलोकन से पता चला कि दिल्ली सरकार के अधीन काम करने वाले पीडब्लूडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढू सुरेन्द्र कुमार बसंल (प्रीतमपुरा निवासी) के साथ मिलकर उनकी कंपनी मै0 रेनू कन्सट्रक्शन को एक नाले के निर्माण के लिए 1.5 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान कर दिया। जबकि नाले का निर्माण ही नहीं हुआ। संस्था का आरोप है कि पीडब्लूडी मेें भुगतान के लिए दाखिल बिलों की जब बिक्रीकर विभाग से अनुरोध कर जांच करायी गई तो पता चला वे तमाम बिल फर्जी थे। आरोप है कि मै0 रेनू कन्सट्रक्शन ने सोनीपत स्थित जिस कंपनी मैसर्स महादेव इम्पैक्स से निर्माण सामग्री खरीदने का दावा किया था उसने मै0 रेनू कन्सट्रक्शन को कोई सामग्री बेची ही नहीं ना ही उसने कोई बिल जारी किए और न ही बिक्री कर विभाग में इसकी कोई एंट्री मिली। पीडब्लूडी विभाग के अधिकारियों पर बिना जांच परख के भुगतान करने के कारण संस्था ने पीडब्लूडी पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। संस्था ने इस मामलें में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अपने करीबी रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने के लिए पीडब्लूडी अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।
संस्था से जुडेÞ एक अन्य पदाधिकारी विप्लव अवस्थी का आरोप है कि उनके पास पीडब्लूडी द्वारा जारी किए गए चार ऐसे निविदा निर्माण कायों की आरटीआई से मिली जानकारी व दस्तावेज है जिनसे पता चलता है कि मै0 रेनू कन्सट्रक्शन ने चार अन्य डमी कंपनियों के सहयोग से लागत से पचास फीसदी कम धनराशि पर सड़क, नाले और पुलियों के निर्माण के ढाई सौ करोड़ के काम हासिल किए। लेकिन किसी भी मामलें में कहां निर्माण कार्य हुआ पीडब्लूडी इसका खुलासा नहीं कर रही। राको ने आरोप लगाया कि सभी मामलों में पीडब्लूडी ने जिन बिलों के आधार पर मै0 रेनू कन्सट्रक्शन व उसकी अन्य डमी कंपनियों का भुगतान किए थे उनकी बिक्रीकर विभाग से करायी गई जांच में पाया गया कि भुगतान के सभी बिल फर्जी थे। चूंकि किसी तरह की सामग्री को खरीदा ही नहीं गया इसलिए माना जा रहा है कि बिना काम के ही पीडब्लूडी ने भुगतान कर दिया।
एसीबी के विशेष आयुक्त मुकेश मीणा ने बताया कि संस्था की तरफ से शिकायत मिली है जिसकी जांच का काम शुरू कर दिया गया है।