अब कस्टमर को कॉल ड्रॉप के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।जी हां कॉल ड्रॉप मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए TRAI के फ़ैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट द्वारा दिए गए आज के फैसले के तहत कस्टमर को कॉल ड्रॉप के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ट्राई का आदेश मनमाना और नॉन ट्रांसपेरेंट है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से टेलिकॉम कम्पनियों को बड़ी राहत मिली है। इस बारे में हाईकोर्ट का फैसला भी सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कॉल ड्राप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियो की ओर से दाखिल याचिका पर फैसला सुनाया है। टेलिकॉम कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की लेकिन हाईकोर्ट ने ट्राई के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

हाई कोर्ट ने कहा था कि कॉल ड्राप पर मोबाइल कंपनियों को मुआवजा देना होगा। 1 जनवरी, 2016 से मुआवजा देना होगा। ट्राई ने 16 अक्टूबर 2015 को आदेश जारी किया था कि मोबाइल सर्विस कंपनियां कॉल ड्राप होने की दशा में 1 रुपया उपभोक्ता को बतौर मुआवजा देंगी जो एक दिन में 3 रुपये हो सकता है।

क्या दलील थी मोबाइल कंपनियों की…
इसके खिलाफ मोबाइल कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। कंपनियों की दलील थी कि ट्राई का ये आदेश मनमाना और गैरकानूनी है, इसे रद्द किया जाए। कई कारणों से ये संभव नहीं है कि कॉल ड्राप की स्थिति को रोका जा सके। मुआवजा लागू होने से मोबाइल कंपनियों को बड़ा नुकसान होगा। ट्राई को कोई कानून बनाने का अधिकार नहीं है। वहीं ट्राई का कहना है कि मोबाइल कंपनियों ने उपभोक्ताओं की संख्या के हिसाब से टावर नहीं लगाए हैं जिसकी वजह से कॉल ड्राप की दिक्कतें आ रही हैं।