नई दिल्‍ली।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 10वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। 10वीं में कुल 88.70 फीसदी स्‍टूडेंट पास हुए हैं। तिरुवनंतपुरम में सबसे ज्‍यादा 99.60 फीसदी स्‍टूडेंट पास हुए। संयुक्त रूप से चार को शीर्ष स्‍थान मिला है। वे हैं-1.प्रखर मित्तल-499 अंक,  डीपीएस, सेक्टर-45 गुरुग्राम (हरियाणा) 2.रिमझिम-499 अंक, आरपी पब्लिक स्कूल, बिजनौर (यूपी), 3. नंदिनी गर्ग-499 अंक, स्कॉटिश इंटरनेशनल स्कूल, शामली (यूपी), 4. श्री लक्ष्मी जी-499 अंक, भवन्स वरुणा विद्यालय, कोचीन (केरल)।

दूसरा स्‍थान जिन्‍हें मिला है, वे हैं-1. रितिका सरकार-498 अंक,  डीपीएस, सेक्टर-45 गुरुग्राम (हरियाणा), 2. श्रेष्ठा शर्मा-498 अंक, दिल्ली पब्लिक स्कूल, बहालगढ़, सोनीपत (हरियाणा), 3. अक्षत वर्मा-498 अंक, एसडी पब्लिक स्कूल, मुजफ्फरनगर (यूपी), 4. अंशिका गुप्ता- 498 अंक, एमिटी इंटरनेशनल, सेक्टर-44, नोएडा, 5. अंचित जैन-498 अंक, एमिटी इंटरनेशनल, सेक्टर-44, नोएडा, 6. थेरेसा सोनी-498 अंक, चिरिस्तु जयंती पब्लिक स्कूल, कोचीन (केरला), 7. साक्षी-498 अंक, ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)।

10वीं कक्षा का परिणाम घोषित होते ही 16 लाख विद्यार्थियों का इंतजार खत्म हो गया। सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इस बार 88.70 फीसद छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। इनमें 88.67 फीसदी लड़कियां और 85.32 फीसदी लड़के पास हुए हैं।

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय में स्कूली शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने खुद ट्वीट कर परिणाम घोषित होने की जानकारी दी। हालांकि, सोमवार को परिणाम मंगलवार शाम चार बजे जारी करने की सूचना थी। ऐसे में सीबीएसई ने समय से पहले ही 10वीं का परिणाम घोषित कर दिया है। इसके साथ ही छात्र व अभिभावक सीबीएसई की अधिकृत वेबसाइट या गूगल के जरिये परिणाम देख सकते हैं।

बता दें कि सीबीएसई ने इस वर्ष 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू की थी। इसी वर्ष आठ साल बाद दसवीं के छात्रों को अनिवार्य रूप से बोर्ड परीक्षाओं में शामिल किया गया था। सीबीएसई के अनुसार, इस वर्ष 16,38,428 विद्यार्थियों ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था।

गौरतलब है कि 10वीं गणित की परीक्षा का प्रश्‍नपत्र लीक होने का मामला सामने आया था, लेकिन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा था कि वो 10वीं गणित की परीक्षा फिर से आयोजित नहीं करेगी। बोर्ड के इस फैसले के बाद देशभर के 16 लाख छात्रों को बड़ी राहत मिली है। अपने इस फैसले के पीछे बोर्ड ने तर्क दिया था कि 10वीं गणित का पर्चा लीक होने का ज्यादा व्यापक असर नहीं हुआ है और इसलिए परीक्षा फिर से आयोजित नहीं की जाएगी।