ओपिनियन पोस्ट।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व रेल मंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे समेत कई लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है। जिन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, पीके गोयल के अलावा नई दिल्ली के फ्रैंड्स कॉलोनी स्थित कंपनी, मैसर्स लारा प्रोजक्ट एलएलपी शामिल हैं।
सीबीआई ने साल 2006 के जिस मामले में लालू प्रसाद यादव के 12 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की है उनमें दिल्ली, पटना, रांची, पुरी और गुरुग्राम शामिल हैं।  सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना ने पत्रकारों को बताया कि यह छापेमारी सुबह साढ़े सात बजे से कई जगहों पर शुरू की गई। लालू प्रसाद पर आरोप है कि बतौर रेलमंत्री उन्होंने रेलवे के होटल टेंडर निजी कंपनी को दिए थे और रेल मंत्री के तौर पर निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया था।

सीबीआई का यह छापा उस वक्त पड़ा जब लालू यादव सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने रांची पहुंचे थे। वहीं सीबीआई रांची स्थित बीएन आर होटल में उनके खिलाफ और सुबूत जुटाने में लगी है। रांची और पुरी के चाणक्य बीएनआर होटल जो कि रेलवे के हेरिटेज होटल थे। लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इन होटलों को अपने करीबियों को लीज पर बेचा था। लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के खिलाफ एक हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति का मामला रांची और पुरी से जुड़ा हुआ है। लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तब रेल मंत्रालय ने रांची एवं पुरी के ऐतिहासिक होटल बीएनआर को लीज पर देने का निर्णय लिया था। इस लीज के लिए रांची के कुछ होटल कारोबारियों के अलावा लालू प्रसाद यादव के निकट के सहयोगी एवं झारखंड से राज्यसभा के सांसद प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी दोनों होटलों को लेने में सफल रहे और रांची के बीएनआर होटल को पटना के प्रसिद्ध होटल चाणक्य के संचालक हर्ष कोचर को 60 साल के लिए लीज पर मिल गया।

पहले लीज की अवधि तीस वर्ष रखी गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर साठ साल कर दी गई। सीबीआई का आरोप है कि इन दोनों होटलों को लीज पर देने की जितनी कीमत राज्य सरकार को मिलनी चाहिए वह नहीं मिली। वैसे इस मामले में लालू प्रसाद का कहना है कि रेलवे ने नियम के तहत इन होटलों को लीज पर दिया था और इससे उनका कोई वास्ता नहीं है। वहीं सीबीआई के छापे के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इसे लेकर भाजपा नेताओं ने लालू प्रसाद समेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोल दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नेता सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों का बताया कि अब नीतीश कुमार को अपनी खामोशी तोड़नी चाहिए और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बर्खास्त करना चाहिए। वहीं इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इस छापेमारी के बाद बिहार में सामाजिक न्याय की सरकार की असलियत जनता के सामने आ चुकी है।

जबकि राजद प्रवक्ता मनोज झा ने सीबीआई की छापेमारी को लोकतंत्र के लिए काला अध्याय बताया। उनके मुताबिक, सीबीआई केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। उनके अनुसार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे केंद्र सरकार बौखला गई है और उसी के नतीजे में लालू प्रसाद और उनके परिवार को बेवजह परेशान किया जा रहा है। हालांकि, इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने बिहार के सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट कर दिया है, ताकि राज्य में इस छापेमारी के विरोध में किसी प्रकार का कोई उपद्रव न हो। बहरहाल, सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत दिख रहे हैं।