सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को निर्देश दिया है कि तमिलनाडु के किसानों की दिक्कतें दूर करने के लिए वह अगले 10 दिन तमिलनाडु को 15,000 क्यूसेक पानी छोड़े। इस निर्देश के बाद कावेरी पर विवाद गरमा गया। कावेरी जल विवाद के चलते चेन्नई में स्थित एक कर्नाटक होटल में तोड़फोड़ की गई है

मैसूर और बेंगलुरु में तमिलनाडु की दुकानों और गाड़ियों की तोड़फोड़ किए जाने के बाद शहर में बड़े समूहों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई है। तमिलनाडु तक जाने वाली बस सेवाएं भी फिलहाल रोक दी गई हैं। सीमा पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है ताकि राज्य में कोई वाहन प्रवेश न कर सके। स्कूल और कॉलेज भी शहर में बंद हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बाद बैंगलुरू में हिंसा शुरू हो गई। कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ हुई। बढ़ते तनाव को देखते हुए बैंगलुरू में धारा 144 लगाई गई। बस और मेट्रो सेवा रोकी गई।

बता दें कि दोनों राज्यों के बीच तब तनाव बढ़ गया जब पिछले हफ्ते कर्नाटक को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए अगले दस दिन तक रोज़ाना 15 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े। कावेरी दोनों ही राज्यों से होकर गुज़रती है। वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें राज्य ने कहा था कि वह 15 हज़ार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ पाएगा. इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से 20 सितंबर तक हर दिन 12 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा है। आदेश में किए गए इस बदलाव से कर्नाटक को तो कोई राहत नहीं मिली, इसके उलट तमिलनाडु को अब और अधिक पानी मिलेगा।

वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारम्मैया ने कहा है कि वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को होटल और बसों पर होने वाले हमलों के बारे में खत लिखेंगे।