दस साल बाद औपचारिक तौर पर पंजाब की सत्ता फिर कांग्रेस के हाथ आ गई।  गुरुवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के 29वें मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार पद की शपथ ली। इससे पहले वे 2002 से 2007 के बीच मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गवर्नर वीपी सिंह बदनोर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ नौ मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। इस शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे कई बड़े नेता मौजूद रहे।

पंजाब सरकार की इस मंत्रिपरिषद में नवजोत सिंह सिद्धू, ब्रह्म महेंद्रा, साधु सिंह धर्मसोत, तृप्त राजेंद्र बाजवा, राणा गुरजीत सिंह, रजिया सुल्ताना, ओपी सोनी, राकेश पांडे, अरुणा चौधरी को जगह मिली है। बता दें कि पहले उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर सिद्दू और अमरिंदर सिंह के बीच मनमुटाव की खबरें आई थीं। फिलहाल इन मंत्रियों के विभागों की घोषणा नहीं की गई है।

पंजाब विधानसभा की 117 में से 77 सीटें हासिल कर बहुमत पाने वाली कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह को बेहद सादा रखा । खबरों के मुताबिक यह फैसला कैप्टन अमरिंदर सिंह का था। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए शपथ ग्रहण समारोह को सादा रखने और अपने विधायकों से जश्न पर फिजूलखर्ची करने से बचने को कहा था।