दिल्ली / मुंबई ( ब्यूरो रिपोर्ट ) । रत्न एवं आभूषण व्यापारियों की हड़ताल 15 दिन बीत जाने के बाद अभी जारी है। इससे पहले, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गैर चांदी वाले आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को वापस लेने की उनकी मांग को खारिज कर दिया है लेकिन आंदोलनरत जौहरियों ने मांग नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रखने का संकल्प जताया है।
देश भर के आभूषण निर्माता एवं व्यापारी गैर चांदी वाले आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने तथा दो लाख रपये व इससे अधिक के सौदे के समय ग्राहकों द्वारा पैन संख्या बताना अनिवार्य किए जाने का विरोध कर रहे हैं। जेटली ने मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया। जेटली ने कहा कि यह कदम कारोबार का जीएसटी से तालमेल बिठाने के लिए उठाया गया है।
आल इंडिया जेम्स एंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन श्रीधर जीवी ने कहा कि भले ही हमें नुकसान हो रहा हो. सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क को वापस लिए जाने तक हम हड़ताल जारी रखेंगे। विकल्प के रूप में हमने सरकार से सीमा शुल्क में मामूली वृद्धि करने या एकमुश्त ‘बुलेट टैक्स’ लगाने को कहा है।’ इस बीच सरकार ने कल जौहरियों के संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है। श्रीधर ने कहा कि बुधवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से बैठक होगी। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि सरकार द्वारा पैन संख्या अनिवार्य किए जाने के बाद कारोबार में लगभग 20 प्रतिशत गिरावट आई है। जेटली ने आम बजट 2016-17 में चांदी के अलावा आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था।