रमेश कुमार ‘रिपु’

मध्य प्रदेश में कांग्रेस से भिड़ने से पहले ही भाजपा में आपसी भिड़ंत से अमित शाह का 200 सीटें जीतने का लक्ष्य खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। इसलिए कि मूंगावाली और कोलारस विधान सभा के उप चुनाव के परिणाम के बाद से भाजपा के पंडाल में विरोध का तंबूरा बजना शुरू हो गया है। उम्र की आड़ लेकर मंत्री पद से हटाए गए सरताज सिंह और बाबूलाल गौर खुलेआम सरकार एवं संगठन के खिलाफ आग उगल रहे हैं। इसके अलावा कैलाश विजय वर्गीय, प्रभात झा और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़तीं। व्यापम की भेंट चढ़े लक्ष्मीकांत शर्मा और राघव जी का दर्द शिवराज के लिए सिर दर्द से कम नहीं है। लगातार चार उप चुनाव हारने के बाद से शिवराज सिंह चौहान का विरोधी खेमा कुछ ज्यादा ही मुखर हो गया है। विरोधी खेमे के समर्थक न केवल सड़क बल्कि सदन तक एक सुर में सरकार को घेरने का सियासी उपक्रम चला रहे हैं। यही लोग अगले चुनाव में शिवराज की परेशानी बढ़ाने के लिए किसान, कर्मचारी संघ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कर्मचारी, अतिथि विद्वान, शिक्षाकर्मी व व्यवसायी आदि को हवा दिए हुए हैं। शिवराज के खिलाफ नाराजगी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ऐसा पार्टी के अंदर प्रचारित कर हवा बनाई जा रही है। ऊपर से संघ की सर्वे रिपोर्ट ने सबको हैरान कर रखा है। संघ की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 19 मंत्री हार के कगार पर हैं। 60 सीटें भाजपा आसानी से जीत रही है, लेकिन 105 सीटों पर भाजपा की जीत की गारंटी नहीं है। सवाल यह है कि आखिर किसके दम पर और कैसे शिवराज और नंदकुमार सिंह चौहान अमित शाह के लक्ष्य को पूरा करेंगे?
एक बयान से सियासी संकट
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि चुनाव का उम्र से कोई संबंध नहीं है। जो 75 वर्ष के हो गए हैं वे घर बैठें, ऐसा कभी नहीं कहा। इसके बाद भी सरताज सिंह और बाबूलाल गौर को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह न मिलने पर दोनों नाराज चल रहे हैं। बाबूलाल गौर कहते हैं, ‘मैं कभी पार्टी से टिकट मांगने नहीं गया। पार्टी मुझे टिकट घर आ कर देगी।’ वहीं सरताज सिंह पार्टी में अपनी उपेक्षा से न केवल नाराज हैं बल्कि, आहत भी हैं। उन्होंने कह दिया है कि अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। अब भाजपा में घुटन होने लगी है। दरअसल, वे इस बात से आहत हैं कि उनके मेडिकल बिल को पास करने के लिए उनके निजी सचिव से पैसा मांगा गया। उनके इस आरोप से जाहिर है कि शिवराज सिंह भ्रष्टाचार से मुक्त प्रदेश नहीं बना सके हैं।
पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने उपचुनाव के परिणामों की आड़ में तंज कसते हुए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में कसीदे पढ़ कर हैरान कर दिया है। वे कहते हैं, ‘ज्योतिरादित्य को चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह घेरने की कोशिश की गई लेकिन वह अर्जुन की तरह चक्रव्यूह भेद कर बाहर निकल आया। उप चुनाव की वजह से जातिवाद को बढ़ावा मिलेगा।’ संघ के वरिष्ठ नेता और भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक सूर्यकांत केलकर ने एक कदम आगे बढ़कर कहा, ‘एंटीइनकम्बेंसी की वजह से भाजपा उप चुनाव हारी है। भाजपा सरकार को अपना चेहरा बदल देना चाहिए। मंत्रिमंडल में भी नए लोगों को लाना चाहिए।’ गौरतलब है कि सूर्यकांत केलकर ही शिवराज सिंह चौहान को राजनीति में लाए हैं।

विंध्य में भाजपा को झटका
अभी चुनाव होने में वक्त है। लेकिन विंध्य क्षेत्र के सेमरिया विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा ने दिल्ली में बड़े नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता लेकर नई राजनीतिक पारी खेलने की घोषणा कर हड़कंप मचा दिया है। रीवा विधायक एवं उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला से उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। उनका कहना है कि रीवा जिले में भाजपा एक नेता के यहां गिरवी हो गई है। वर्तमान में उनकी पत्नी नीलम मिश्रा सेमरिया विधान सभा क्षेत्र से विधायक हंै। जाहिर है कि वे भी किसी दिन कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं।

कांग्रेस के पक्ष में हवा
भाजपा लगातार चार उप चुनाव हारी तो भाजपा के अंदर अगले चुनाव को लेकर सवालों के बैंक खुल गए हैं। माना जा रहा है कि महंगाई और प्रदेश में भ्रष्टाचार की वजह से उप चुनावों में भाजपा का कमल नहीं खिल पाया, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान कहते हैं, कांग्रेस की सीट पर भाजपा का कब्जा नहीं हो सका लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा के प्रति जनता का नजरिया बदला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव कहते हैं, ‘लगातार उप चुनाव के परिणाम बता रहे हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल पड़ी है।’
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कहते हैं, ‘प्रदेश सरकार केवल घोषणाओं की सरकार है। ऐसी कोई योजना नहीं है जो जमीन पर दिखती हो।’ भ्
भाजपा की सबसे बड़ी निराशा निश्चित रूप से वही गड्ढा है जिसमें दिग्गी की छवि ओझल हो गई थी। सरकार के इर्द गिर्द मंडराते घोटाले ने शिवराज की छवि को बिगाड़ा है। मंत्रियों के प्रभार वाले जिले में भाजपा की स्थिति अच्छी न होने से प्रभारी मंत्री जिले में नहीं जाते जिससे सरकारी योजनाओं का फीडबैक नहीं मिलता। जनता से संवाद भी कायम नहीं हो रहा है। पिछली बार भाजपा को 44.87 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस को 36.37 और बसपा को 6.28 फीसदी। कांग्रेस और बसपा का वोट प्रतिशत मिला दें तो भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल सकती है। अगले चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए कुछ भी हो सकता है। बहरहाल, कांग्रेस सीएम प्रोजेक्ट नहीं कर रही है, लेकिन माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव लड़ेगी।

विधान सभा में भाजपा का विरोध
भाजपा के विधायक और पदाधिकारी भाजपा के खिलाफ सड़क से सदन तक भाजपा की पसली में विरोध का चाकू घोंप रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर शिवराज सरकार को घेरने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देते। शिवपुरी में कुपोषण की वजह से बच्चों की मौत हुई तो सरकार के खिलाफ बयान दिया- ‘मामा को भांजे की चिंता नहीं है। सरकारी व्यवस्था ठीक से काम नहीं कर रही है। इसलिए प्रदेश में कुपोषण बढ़ा है।’
-विधान सभा में प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाते बाबूलाल गौर ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के 45,654 पद खाली हैं।
-भाजपा विधायक हजारीलाल ढांगी कहते हैं, स्कूल शिक्षा मंत्री विधान सभा में भी घुमा फिराकर जवाब देते हैं। उनके विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के बच्चे स्कूल भवन जर्जर होने से परेशान हैं। वे मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन मंत्री प्रदेश भर के स्कूलों की बातें बताने लगे। उनकी बातों से ऐसा लगता है कि वे मेरे विधान सभा क्षेत्र के जर्जर स्कूल को नहीं बनवाना चाहते।
-पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि उद्यानिकी विभाग में लाभार्थियों के नाम जोड़ने घटाने में भ्रष्टाचार हो रहा है। सूची उजागर होनी चाहिए। कांग्रेस के विजय सिंह सोलंकी ने खरगौर में उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से लाभान्वित होने वालों की सूची मांगी तो सरकार ने संख्या थमा दी।
-भाजपा के कैलाश जाटव ने गोटेगांव क्षेत्र में मंडी बोर्ड से सड़क निर्माण के संदर्भ में पूछा कि किसकी अनुशंसा पर काम हो रहा है। लेकिन कृषि मंत्री ने इसका सही जवाब नहीं दिया, जिससे विधायक और मंत्री के बीच बहस होने पर विधान सभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा।
-केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रदेश सरकार के खेती को लाभ का धंधा बनाने के दावे को झुठलाते हुए प्रदेश भाजपा कार्यालय में किसान मोर्चा की बैठक में कहा, हमें इस बात को किसानों से कहने में हिचकना नहीं चाहिए कि खेती नुकसान का सौदा है।
-भाजपा विधायक गिरीश गौतम ने विधान सभा में कहा, रीवा के मऊगंज में अवैध खनन हो रहा है। हजारों ट्रक रेत उत्तर प्रदेश जा रही है। खनिज विभाग के अधिकारियों ने मंत्री से गलत जवाब दिलवाया है। 40 से 50 हजार रुपये ट्रक रेत खरीदना लोगों की मजबूरी है। खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जवाब में कहा कि खनिजों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए सीमा पर बैरियर लगाए गए हैं। गिरीश गौतम मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं थे।
-बाबूलाल गौर ने प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक मोती कश्यप के आंगनवाड़ियों में बिजली व्यवस्था और कुपोषण को लेकर पूछे गए सवाल पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। कश्यप के सवाल का जवाब महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस द्वारा दिया गया, लेकिन बाबूलाल गौर ने उन्हें बीच में ही टोक दिया और कहा कि मंत्री सदन में काम का वादा तो कर देते हैं लेकिन बाद में उसका पालन नहीं करते। इससे उन्हें काफी दुख होता है।