भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बाद अब मुंबई में हाजी अली की दरगाह जाएंगी और मजार पर माथा टेकेंगी। तृप्ति देसाई का कहना है कि हाजी अली दरगाह में 2011 तक महिलाओं का मजार तक प्रवेश था। उसके बाद दरगाह ट्रस्ट ने उनके अंदर जाने पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल से इसके लिए अांदोलन शुरू किया जाएगा। हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है। तृप्ति देसाई ने बताया कि वे इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगी क्योंकि प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘महिलाओं के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं । उनका कहना है कि यदि केंद्र सरकार क़ानून बना दे कि भारत में सभी धर्म और जाति के धर्मस्थलों में महिलाओं को प्रवेश मिलना चाहिए तो महिलाओं के हक़ में यह बड़ा फ़ैसला होगा। तृपति देसाई के इस कदम का शिवसेना ने विरोध किया है।

शिवसेना के मुताबिक वो तृप्ति के कदम की आलोचना करते हैं और किसी भी कीमत पर तृप्ति को ऐसा नहीं करने देंगे। इतना ही नहीं शिवसेना नेता हाजी अराफात ने कहा कि अगर ऐसे करने की कोशिश की गई तो वो महिलाओं को चप्पल से भी मार सकते हैं।उनके इस बयान पर महिला संगठनों ने कड़ा एतराज जताया है। महिला एक्टिविस्ट  कविता श्रीवास्तव ने एतराज जताते हुआ कहा है कि चप्पल का जवाब चप्पल से भी दिया जा सकता है। शिवसेना नेता जिस चप्पल को उठाने की बात कर रहे हैं, वो चप्पल उनके लिए भी उठ सकती है। हम तृप्ति के साथ हैं, कोर्ट ने साफ-साफ मंदिर में प्रवेश के लिए बोल दिया है और दरगाह में सब जाते हैं।

वहीं तृप्ति देसाई ने ऐलान किया है कि वो 28 अप्रैल को हाजी अली दरगाह जाएंगी और वहां मजार पर माथा टेकेंगी। हाजी अली की दरगाह पर महिलाएं एक सीमा के बाद अंदर नहीं जा सकतीं। दरअसल महिलाओं को दरगाह में बनी मजार छूने की इजाजत नहीं है। तृप्ति देसाई ने कहा है कि वो दरगाह पर माथा टेकेंगी।